मर्डर मिस्ट्री बन सकती है डॉ. अरुण की मौत
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डीन व व्यापम घोटाले की जा
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली
नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डीन व व्यापम घोटाले की जांच समिति के सदस्य डॉ. अरुण शर्मा की मौत सुनंदा पुष्कर हत्याकांड की तरह ही मर्डर मिस्ट्री बनती दिख रही है। 17 जनवरी 2014 को चाणक्यपुरी स्थित होटल लीला के सुइट में सुनंदा संदिग्ध हालत में मृत पाई गई थीं। उनके कमरे से कई दवाइयां मिली थीं, जिनमें नींद की एल्प्रेक्स दवा के भी दो खाली पत्ते थे। जबकि डॉक्टरों ने उन्हें इस दवा को लेने की सलाह नहीं दी थी। डीन डॉ. अरुण शर्मा के कमरे से भी पुलिस को सात तरह की दवाइयां मिली हैं। इनमें एक एंटी डिप्रेशन की है। पुलिस को यह जांच करनी होगी कि डॉ. शर्मा इन दवाइयों का इस्तेमाल करते थे अथवा नहीं। कहीं ऐसा तो नहीं कि उनके कमरे में उक्त दवाइयां प्लांट की गई थीं?
अगर यह माना जाय कि डॉ. शर्मा किसी डिप्रेशन में थे तो क्या उनके परिजनों को इसकी जानकारी थी? वह खुद डॉक्टर थे और उच्च रक्तचाप व मधुमेह से पीड़ित थे तो उन्हें यह पता नहीं था कि दवाइयां लेने के बाद शराब की अत्यधिक डोज उनकी जान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। सवाल यह भी उठता है कि कई बार उलटी होने पर उन्होंने होटल कर्मियों को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी। पुलिस का कहना है कि तीन जगहों पर सीसीटीवी में उनकी तस्वीरें कैद मिली हैं। एक एयरपोर्ट से बाहर निकलने, दूसरी ठेके के पास व तीसरी होटल उप्पल के सीसीटीवी कैमरे में। कॉल डिटेल से पता चला है कि मरने से पूर्व उन्होंने अपने बेटे को आखिरी कॉल की थी। शनिवार दोपहर से रविवार देर रात तक उनके पास 10 कॉल आई थी और उन्होंने भी कुछ कॉल की थी। सभी कॉल डिटेल की जांच कर ली गई है। लेकिन उसका खुलासा नहीं किया गया है।
एयरपोर्ट से होटल पहुंचाने वाले टैक्सी चालक ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि गाड़ी में बैठने के बाद वह अधिकतर समय फोन पर ही किसी से बात करते रहे। शर्मा के पारिवारिक दोस्त डॉ. कांति स्वरूप सक्सेना का कहना है कि उनके शरीर पर कहीं भी आंतरिक व बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। एयरपोर्ट से होटल जाने के दौरान डॉ. शर्मा ने इन्हीं से बात की थी।
पुलिस की अब तक की जांच से इस बात के प्रमाण नहीं मिल पाए हैं कि डॉ. शर्मा की हत्या की गई हो। लेकिन पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट व आगे की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।