डीयू के नौ कॉलेजों को मिले स्थायी प्रिंसिपल
अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एपेक्स कमेटी ने नौ कॉलेजों में स्थायी प्र
अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एपेक्स कमेटी ने नौ कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति की है। कॉलेजों के विकास के लिए जहां इसे जरूरी माना जा रहा था, वहीं इनकी नियुक्ति को लेकर बहस छिड़ गई है। इसमें से चार प्रिंसिपल कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठन एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट (एएडी) तथा चार प्रिंसिपल भारतीय जनता पार्टी समर्थित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक्स टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) से संबद्ध हैं। एक प्रिंसिपल किसी भी गुट के नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार किरोड़ीमल कॉलेज में केमेस्ट्री की प्राध्यापिका डॉ. ममता शर्मा को अदिति महाविद्यालय का प्रिंसिपल बनाया गया है, जबकि भाष्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाएड साइंसेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. बलराम पाणि को स्थायी प्रिंसिपल बनाया गया है। लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पी वत्सला डीयू के किसी कॉलेज में बतौर प्राध्यापिका नहीं जुड़ी हैं। वह उत्तराखंड से हैं। पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एमएम गोयल को स्थायी प्रिंसिपल बना दिया गया है। शहीद भगत सिंह कॉलेज सांध्य के प्रिंसिपल डॉ. पीके खुराना को शहीद भगत सिंह कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया है और यह सांध्य को भी देखेंगे।
शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाएड साइंसेज फॉर वुमन की प्रिंसिपल डॉ. पायल मागो को बनाया गया है, वह अरविंदो कॉलेज में बॉटनी की प्राध्यापिका थीं। श्यामलाल कॉलेज में डॉ. रवि नारायण कार को प्रिंसिपल बनाया गया है, वह शहीद भगत सिंह कॉलेज सांध्य में कामर्स के प्राध्यापक थे। श्यामलाल कॉलेज के ही शिक्षक डॉ. प्रवीण कुमार को श्यामलाल कॉलेज सांध्य का प्रिंसिपल बनाया गया है। जाकिर हुसैन कॉलेज सांध्य में डॉ. एमए बेग को प्रिंसिपल बनाया गया है। डीयू में प्रिंसिपल बनने की अनिवार्य योग्यता 400 प्वाइंट का होना है। प्रिंसिपल पद के लिए डीयू के बाहर के कॉलेजों या विश्वविद्यालय के शिक्षक आवेदन कर सकते हैं। डीयू के कई कॉलेजों में अब भी कार्यवाहक प्रिंसिपल कार्यरत हैं। कई जगह तो आंतरिक कारणों से प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।