जल बोर्ड 31 नए सीवरेज शोधन संयंत्रों का करेगा निर्माण
- राजधानी में पानी की आपूर्ति 878 एमजीडी हुई - वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 3594.83 करोड़ रुपये की मं
- राजधानी में पानी की आपूर्ति 878 एमजीडी हुई
- वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 3594.83 करोड़ रुपये की मंजूरी
- 158 कालोनियों को पानी के पाइप लाइन से जोड़ने की योजना
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : उपराज्यपाल मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में दिल्ली जल बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 3594.83 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, जिसमें 1430 करोड़ योजनागत और 2164.83 करोड़ गैर योजनागत मद में खर्च किया जाएगा।
इस बैठक में जल बोर्ड ने कई विकास योजनाओं को मंजूरी दी। साथ ही दिल्ली में पानी की आपूर्ति 835 एमजीडी से बढ़कर 878 एमजीडी हो गई है। इससे दिल्ली के लोगों को राहत मिली है। शहर में सीवरेज नेटवर्क को सुदृढ़ करने और यमुना की सफाई के लिए जल बोर्ड 31 नए सीवरेज शोधन संयंत्र और 27 सीवरेज पंपिंग स्टेशन का निर्माण करेगा।
जल बोर्ड एक साल में 600 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाएगा। इसे अलावा 158 कालोनियों को पाइप लाइन से जोड़ा जाएगा। जल बोर्ड ने तय कि है कि प्रतिदिन एक किलोमीटर पाइप लाइन डाली जाएगी। इस तरह एक साल में 200 किलोमीटर तक नई पाइप लाइन डाली जाएगी। इसके अलावा 165 किलोमीटर पुरानी पाइप लाइन बदली जाएगी। इसके अलावा नरेला, बवाना, मंगोलपुरी, रोहिणी सेक्टर-7, महिपालपुर, द्वारका कमांड टैंक-1 सहित आठ भूमिगत जलाशय शुरू किए जाएंगे। करावल नगर क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के लिए 21.60 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
3.9 करोड़ की बचेगी बिजली
हैदरपुर जल शोधन संयंत्र में लगे पुराने बिजली उपकरणों को हटाकर अत्याधुनिक बनाने के लिए पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने सर्वे किया था, जिसमें कहा गया था कि ऊर्जा कुशलता सुधार से इस संयंत्र में भारी बिजली बचाई जा सकती है। संयंत्र में लगे पंपों से भारी बिजली खपत होती है। उसमें सुधार कर 3.9 करोड़ की बिजली बचाई जा सकती है। इस योजना को जल बोर्ड की बैठक में मंजूरी दे दी गई।