बारिश का प्रकोप जारी
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : शनिवार तड़के तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा द
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : शनिवार तड़के तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश व तेज हवा का प्रकोप रविवार को भी जारी रहा। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि खेत में लगी अधिकांश फसलों के लिए तेज हवा के साथ हुई बारिश नुकसानदेह है। खासकर गेहूं व सरसों की समय पर बोई गई फसल को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है, लेकिन जायद की फसल के लिए यह बारिश फायदेमंद है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि फसल को बारिश से ज्यादा नुकसान तेज हवाओं से पहुंच रहा है। बारिश के बाद मिट्टी गीली हो जाती है, जिससे जड़ें कमजोर हो जाती है। तेज हवा के बहाव से कमजोर जड़ें जमीन का साथ छोड़ने लगती हैं। खासकर गेहूं व सरसों की ऐसी फसलें जो समय पर बोई गई थी वे अब विकसित अवस्था में पहुंच चुकी हैं। गेहूं में बालियां उग आई हैं वहीं सरसों की फसल में फलियां लगी हुई हैं। बालियों व फलियों के कारण पौध बारिश में और भार को सह नहीं पाती है। तेज हवा के झोंके से पौध की जड़ें या तो जमीन का साथ छोड़ने लगती हैं या फिर पौध का तना झुककर गिर जाता है। दोनों ही स्थिति में क्षतिग्रस्त फसल का विकास रुक जाता है। इसके अलावा बारिश के बाद मौसम साफ होने पर इन फसलों में कीटों का प्रकोप भी बढ़ जाएगा। बारिश के बाद तेज धूप से सरसों की फलियां चटकने लगेंगी, जिससे दाने जमीन पर बिखर जाएंगे। वहीं गेहूं की गिरी हुई फसल में अब बालियां पतली होंगी। उनका विकास रुक जाएगा।
लेकिन ऐसे किसान जिन्होंने अपने खेत में गेहूं व सरसों की पछेती किस्म लगा रखी है उनके लिए बारिश ¨चता के बजाय खुशी की बात है। पछेती फसल के लिए यह बारिश नुकसान नहीं पहुंचाएगी। इसके अलावा जायद की फसल के लिए भी यह बारिश काफी फायदेमंद है। ¨भडी, बैगन, कद्दूवर्गीय सब्जियों के लिए यह फायदेमंद है। बारिश के बाद अब किसान अपने खेतों में बेल वाली सब्जियों व लोबिया की रोपाई कर सकते हैं। बशर्ते उनके पास पौध तैयार हो।