कारोबारियों का दर्द छलका
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : बजट की बेसब्री से प्रतीक्षा करते करोबारियों को मौजूदा बजट निर
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
बजट की बेसब्री से प्रतीक्षा करते करोबारियों को मौजूदा बजट निराश करने वाला साबित हुआ। मझोले और लघु कारोबारियों ने सरकार पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाते हुए इसे व्यावसायिक घराने के हितों को साधने वाला करार दिया है। बजट को दूरगामी परिणामों वाले सरकारी प्रतिक्रिया पर ज्यादातर कारोबारी नाखुश दिखे। कारोबारियों का कहना है कि वे भी देश हित में सोचते हैं और देश व आर्थिक विकास में उनकी भी भूमिका है। नाराज कारोबारियों ने कहा कि इस बार सरकार से यह उम्मीद थी कि वह मझोले और लघु कारोबारियों के विकास के बारे में सोचेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मझोले और लघु कारोबारियों ने इस बजट को देश की 20 फीसद जनता के लिए लाभकारी करार दिया है। उनका कहना है कि सीमित संख्या में कॉरपोरेट घरानों के हित में सोचने मात्र से देश का विकास संभव नहीं है।
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फोटो फाइल संख्या : 28 ईएनडी 135
बजट आम जनता कीउम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है। कारोबारियों को भी इससे विशेष लाभ मिलता हुआ नहीं दिख रहा है। अब यह देखना होगा कि आगे चलकर इस बजट से कितना लाभ होता है। सरकार ने बजट कुछ तो सोचकर ही तैयार किया होगा।
-राधेश्याम गुप्ता, विकास मार्ग ट्रेडर्स एसोसिएशन।
फोटो फाइल संख्या : 28 ईएनडी 134
इस बजट में व्यापारियों और कारोबारियों के कुछ खास नहीं है। कारपोरेट घरानों के लिए यह बजट उपयोगी सिद्ध हो सकता है। सरकार ने मध्यम वर्ग, लघु और कटीर उद्योग चलाने वाले कारोबारियों और ऐसे क्षेत्रों के विकास के लिए कोई नजीर पेश नहीं किया है। आम जनता पर ऐसे बजट से बोझ बढ़ेगा।
-अनुज अत्रे, संयोजक, लाल क्वार्टर कृष्णा नगर मंदिर मार्ग मार्केट एसोसिएशन।
फोटो फाइल संख्या : 28 ईएनडी 132
जितनी उम्मीद दिखाई वह धराशाई हो गया। आयकर का स्लैब तीन से चार लाख नहीं किया गया। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा जिन पर सर्विस टैक्स नहीं बचा। कई बार टैक्स देना पड़ा। कारपोरेट टैक्स पर ठोस रोड मैप नहीं। व्यापारियों के लिए कोई फायदा नहीं। मोदी सरकार ने यू टर्न लिया। लोगों की मुसीबत बढ़ी।
-के के बल्ली, अध्यक्ष, अशोक रोड मार्केट एसोसिएशन।
फोटो फाइल संख्या : 28 ईएनडी 136
सरकार केवल व्यापारियों के हितों की बात करती है। यह बजट इस बात को साबित करता है। इससे व्यापारी वर्ग निराश है। फास्ट टैक कोर्ट के लिए पहल होनी चाहिए, ताकि व्यापार से जुड़े मामलों को शीघ्र सुलझाने में मदद मिलेगी। व्यापारियों के लिए पेंशन योजनाओं की घोषणा की जानी चाहिए थी।
-राजीव शर्मा, अध्यक्ष, गाजीपुर पेपर मार्केट एसोसिएशन।