जल्द ब्रेकडाउन होती बसों से मिलेगा छुटकारा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी के तापमान में जैसे-जैसे बढ़ोतरी होगी, वैसे-वैसे ब्रेकडाउन होती बसे
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी के तापमान में जैसे-जैसे बढ़ोतरी होगी, वैसे-वैसे ब्रेकडाउन होती बसें आपका पसीना छुड़ाएगी। रास्ते में खड़ी हो जाना राजधानी की बसों की नियति बन गई है। हालांकि, इस मामले पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार गंभीर नजर आ रही है। सरकार के मुताबिक, राजधानी की सड़कों पर दौड़ रही खटारा डीटीसी की स्टैंडर्ड बसों को हटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
लचर परिवहन व्यवस्था पर दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय कहते हैं कि नई बसें खरीदने को लेकर बात की जा रही है। डिपो में बसें खड़ी करने से संबंधित जो समस्याएं थी, वह हल हो गईं है। बस पार्किग की समस्या के लिए बस डिपो में मल्टीस्टोरी पार्किंग का विकल्प तलाश किया जा रहा है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था अगले दो वर्षो में और अधिक सुदृढ़ हो जाएगी। क्योंकि इस बीच करीब 10 हजार नई बसें दिल्ली में आ चुकी होंगी।
बता दें कि डीटीसी की पुरानी स्टैंडर्ड बसों का जीवनकाल दस साल या पांच लाख किलोमीटर परिचालन तक के लिए ही तय है। डीटीसी की एक तिहाई स्टैंडर्ड बसें यह दोनों ही पैमाने पूरी कर चुकी हैं। पूरी तरह खटारा हो चुकी इन बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र के आधार पर राजधानी की सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। बसें कहां खराब हो जाएं कुछ नहीं कहा जा सकता।
डीटीसी इन बसों को चलाने के पीछे हमेशा यही तर्क देती है कि नई बसों की खरीद कलस्टर योजना के तहत होगी और यह कार्य डिम्ट्स करेगी, जबकि डिम्ट्स यही कहती रही है कि नई बसें खड़ी करने के लिए डिपो में जगह नहीं है।