महिलाओं को सताता है असुरक्षा का भय
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : कुछ वर्षो में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर राजधानी में महिला
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : कुछ वर्षो में बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर राजधानी में महिला सुरक्षा बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है। यही वजह है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां इस दिशा में बेहतर करने के दावे और वादे कर रही हैं, लेकिन कई चुनावों के बीत जाने के बाद भी कोई ठोस बदलाव न होने के कारण महिलाओं में इसको लेकर काफी नाराजगी है। पीतमपुरा के रानीबाग क्षेत्र की महिलाओं की बात करें तो उन्हें अक्सर ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है जिससे वे खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। उन्हें महसूस होता है कि राजनीतिक दलों ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को केवल चुनावी हथकंडे के रूप में अपनाया है। किसी ने भी कोई ठोस उपाय तलाशने के प्रति गंभीर प्रयास नहीं किया।
चुनाव से पहले तो सभी पार्टियां महिला सुरक्षा को लेकर बातें करती हैं, लेकिन चुनाव जीतने के साथ ही उनकी प्राथमिकताओं से यह मुद्दा गायब हो जाता है। महिलाओं को होने वाली परेशानी की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता।
-निर्मल, पीतमपुरा।
राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। आए दिन छेड़छाड़ की घटना होती है। सूरज ढलते ही घर से बाहर निकलने में भय लगता है। आखिर पुलिस प्रशासन ने अब तक इसके लिए कोई गंभीर प्रयास क्यों नहीं किया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
-लवली, रानी बाग।
महिला संबंधी अपराधों से जुड़े मामलों के प्रति पुलिस का उदासीन रवैया अपराधों को बढ़ावा देता है। जब हममें से कोई साधारण महिला छेड़छाड़ या अन्य किसी प्रकार के अनैतिक कृत्य की शिकायत पुलिस से करनी जाती है तब पुलिस उसे गंभीरता से नहीं लेती। इस अपराधियों का हौंसला बढ़ता है।
-आरती, पीतमपुरा, जेडी ब्लॉक।
बस से लेकर मेट्रो तक महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। छेड़छाड़ व दुष्कर्म की घटनाओं के अलावा इन दिनों तेजाबी हमलों ने भी महिलाओं का जीना मुश्किल कर दिया है। आखिर उन्हें इन मुश्किलों से कब छुटकारा मिलेगा। क्या कोई सरकार महिलाओं के इस भय को दूर करने में सफल हो पाएगी।
-दयावती, रानीबाग।