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मंगोलपुरी में समर्थकों को तोड़ने में जुटी है कांग्रेस व आप

संजय सलिल, बाहरी दिल्ली दिल्ली विधानसभा की सुरक्षित विधानसभा सीटों में शामिल मंगोलपुरी में दो पूर

By Edited By: Published: Fri, 30 Jan 2015 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jan 2015 08:25 PM (IST)
मंगोलपुरी में समर्थकों को तोड़ने में जुटी है कांग्रेस व आप

संजय सलिल, बाहरी दिल्ली

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दिल्ली विधानसभा की सुरक्षित विधानसभा सीटों में शामिल मंगोलपुरी में दो पूर्व मंत्रियों कांग्रेस के राजकुमार चौहान और आम आदमी पार्टी (आप) की राखी बिड़लान के बीच सीधा मुकाबला है। यहां भाजपा से पूर्व पार्षद सुरजीत हैं। वे व उनके समर्थक मुकाबले में तीसरा कोण बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। हालांकि भाजपा के लिए यहां खोने को कुछ नहीं है, क्योंकि वह इस सीट को अब तक कभी नहीं जीत सकी है।

मंगोलपुरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कद्दावर उम्मीदवार राजकुमार चौहान और आप की राखी बिड़लान के बीच तू डाल-डाल, मैं पात-पात की कहावत चरितार्थ हो रही है। दोनों के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। दोनों एक-दूसरे के समर्थकों को तोड़ने में लगे हैं। जिस गली में राजकुमार चौहान बैठक या सभा करते हैं कुछ ही घंटों में उस गली में राखी भी पहुंच जाती हैं और जहां राखी बिड़लान की बैठक होती है, वहां राजकुमार चौहान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। ऐसे में यहां के मतदाता अभी दोनों की बातों को सुनकर कोई पत्ता नहीं खोल रहे हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शीला मंत्रिमंडल के मंत्री राजकुमार चौहान के खिलाफ राखी बिड़लान जैसे एक अनाम सा चेहरे को जब टिकट दिया था तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह लड़की चौहान जैसे दिग्गज कांग्रेसी को पटखनी दे देगी, मगर जब चुनाव नतीजे आए तो चौहान चित्त हो गए। राखी की इस हैरतअंगेज जीत का इनाम भी अर¨वद केजरीवाल ने उन्हें मंत्री बनाकर दिया। इलाके के लोगों का कहना है कि बेहद कम उम्र में पहले विधायक और तुरंत मंत्री बनने के बाद राखी बिड़लान के पैर जमीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। नतीजा वही हुआ जिसका सभी को डर था। राखी बिड़लान में भी राजनीतिक अहंकार आ गया और वे लगातार विवादों में फंसती चली गई। यहां के लोगों को राखी के व्यवहार को लेकर भी शिकायतें हैं। उनके इसी व्यवहार के कारण इलाके के कई प्रमुख आप कार्यकर्ता उनका साथ छोड़ चुके हैं। लोगों का कहना है कि राखी बिड़लान ने क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। लोग अपने काम के लिए पूरे साल धक्के खाते रहे। कांग्रेस क्षेत्र में इन मुद्दों को भुनाने में लगी है।

कहते हैं कि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान की स्थिति इस बार ऐसी ही है। लगातार चार बार जीत की मदहोशी में डूबे राजकुमार चौहान को गत चुनाव में हार का अप्रत्याशित झटका लगा था, लेकिन इस चुनाव मेंके उस मदहोशी से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राखी बिड़लान को वे हर मोर्चे पर घेर रहे हैं। चुनावी अभियान कहीं से कमजोर न रहे, इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पूरी फौज मंगोलपुरी में उतार दी है।


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