Move to Jagran APP

बीमार पेड़ों में डाल रहीं जान

आशुतोष झा, दक्षिणी दिल्ली सर्वोदय एंक्लेव में रहने वाली पद्मावती द्विवेदी कॉलोनी में रहने वालों के

By Edited By: Published: Wed, 21 Jan 2015 06:15 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jan 2015 06:15 PM (IST)
बीमार पेड़ों में डाल रहीं जान

आशुतोष झा, दक्षिणी दिल्ली

loksabha election banner

सर्वोदय एंक्लेव में रहने वाली पद्मावती द्विवेदी कॉलोनी में रहने वालों के लिए खास बन गई हैं। उन्हें पता है कि उनके आसपास की कॉलोनियों में पेड़ की संख्या कितनी है, प्रजातियां क्या हैं, उनकी आयु क्या है और बीमार पेड़ों को क्या उपाय कर स्वस्थ किया जा सकता है।

प्रकृति व पर्यावरण के प्रति लगाव होने के कारण घर के कामकाज से इन्होंने थोड़ा समय निकालना शुरू किया और कॉलोनी में सड़क किनारे लगे पेड़ों की रिपोर्ट तैयार करने लगी। तीन वर्षो में इनके पास दक्षिणी दिल्ली की पॉश कॉलोनी व स्कूल-कॉलेजों में लगे पेड़ों का पूरा विवरण है। इसकी शुरुआत पहले पेड़ों की गिनती, प्रजाति के साथ की और आज यह राजधानी में पेड़ों की गणना करने वाली पहली महिला बन गई हैं।

जगह की कमी बड़ी समस्या

यह काम इन्होंने 2011 में शुरू किया था। पद्मावती कहती हैं कि राजधानी में लोगों के पास जगह की कमी है और पार्किग अपने आप में बड़ी समस्या है। ऐसे में लोग अपने घरों के सामने की जमीन पर कार पार्किग करने लगते हैं। कार खड़ी करने के लिए लोग घर के सामने की कच्ची जमीन को सीमेंटेड करवा देते हैं। यहीं से उन्हें पेड़-पौधे, घास आदि की रक्षा का ख्याल आया।

खतरे में हैं लाखों पेड़

पद्मावती का कहना है कि दिल्ली में घरों के सामने की जमीन से लेकर सड़कों के किनारे बने फुटपाथ तक को कंक्रीट में तब्दील कर दिया गया है। इसका गंभीर परिणाम यह हुआ कि सड़कों और कॉलोनियों में लगे लाखों पेड़ खतरे में हैं। तभी तय किया कि पेड़ों को कंक्रीट से मुक्त कराने और कॉलोनी के प्रत्येक पेड़ की रिपोर्ट तैयार की जाए।

50 फीसद पेड़ हैं अस्वस्थ

इस अभियान की शुरुआत सर्वोदय एंक्लेव से किया तो पता चला कि कॉलोनी में कुल सात सौ के करीब पेड़ हैं, जिनमें 50 फीसदी पेड़ अस्वस्थ हैं। समीप के गुलमोहर पार्क में कुल 1200 पेड़ हैं। वहीं अरविंदो मार्ग पर कुल 250 के आस-पास विभिन्न प्रजाति के पेड़ हैं, जो पेड़ बीमार हैं। उनके बारे में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के उद्यान विभाग को सूचित कर दिया। कंक्रीट के चपेट से पेड़ों को मुक्त कराने के लिए अदालत में याचिका दायर की तो कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को तुरंत यह कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने अपने कॉलोनी के लोगों से अपील की कि या तो वो घर के बाहर की जमीन को यूं ही छोड़ दें या एक्स आकार के टाइल्स का इस्तेमाल करें, जिससे पानी को जमीन के अंदर पहुंचने में मदद मिले।

कई इलाकों का किया कायाकल्प

पद्मावती के इस प्रयास को न सिर्फ सराहा गया बल्कि लोगों ने उनकी मदद भी की। सर्वोदय एंक्लेव के अलावा नवजीवन विहार, गुलमोहर पार्क, अरविंदो मार्ग और अन्य पार्को में भी उनकी यह मुहिम कारगर रही है। वे बताती हैं कि जब आंध्रप्रदेश से दिल्ली आईं तो यह शहर थोड़ा अजीब दिखा। इसे व्यवस्थित करने के लिए कहीं से शुरुआत करना ही था तो सर्वोदय एंक्लेव इलाके से ही सुधार करने का बीड़ा उठाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.