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फीस बढ़ोतरी का विरोध

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : पश्चिम विहार स्थित एक निजी स्कूल में प्रशासन की मनमानी का मामला सा

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 04:02 AM (IST)
फीस बढ़ोतरी का विरोध

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : पश्चिम विहार स्थित एक निजी स्कूल में प्रशासन की मनमानी का मामला सामने आया है। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने स्कूल में एयरकंडीशनर (एसी) लगाने के नाम पर फीस में साठ फीसद तक वृद्धि कर दी। इससे नाराज अभिभावकों ने शनिवार को स्कूल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का आरोप है कि फीस बढ़ोतरी से पूर्व उनकी राय नहीं ली गई। जब उन्होंने इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात करनी चाही तो प्रबंधकों ने बात करने से साफ इन्कार कर दिया।

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फीस बढ़ाए जाने का यह मामला पश्चिम विहार के सेंट मा‌र्क्स को-एड और सेंट मा‌र्क्स ग‌र्ल्स स्कूल का है। दोनों स्कूलों का प्रबंधन एक ही मालिक के पास है। यहां चार हजार बच्चे पढ़ते हैं। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि सितंबर में स्कूल की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि स्कूल परिसर को वातानुकूलित किया जा रहा है। इसके बदले बच्चों की फीस में 40 फीसद तक बढ़ोतरी की जाएगी। अभिभावकों ने पैरेंट-टीचर में इस मुद्दे को उठाया। परिणाम स्वरूप स्कूल प्रबंधन ने पैरेंट-टीचर मीटिंग ही बंद कर दी। स्कूल प्रशासन की मनमानी यहीं नहीं रूकी। कुछ समय बाद स्कूल प्रशासन ने फीस वृद्धि का दूसरा परिपत्र जारी किया। इसे देख अभिभावकों के होश उड़ गए। इसमें स्कूल प्रशासन ने फीस में 55 से 61 फीसद की बढ़ोतरी की।

अभिभावक मृदुला भारद्वाज ने बताया कि फीस वृद्धि से पूर्व उनसे राय नहीं ली गई। उन्होंने बताया कि गत वर्ष भी स्कूल प्रबंधन ने 10 के बजाए 15 फीसदी फीस में इजाफा किया था। इसके अलावा हर वर्ष अन्य वार्षिक व डवलपमेंट चार्ज भी वसूल किए जाते हैं। बावजूद इसके एसी लगाए जाने के नाम पर साठ फीसद वृद्धि करना स्कूल की मनमानी को दर्शाता है। सोनी अरोड़ा के मुताबिक भारी-भरकम फीस लिए जाने के बावजूद स्कूल में पूरी सुविधाएं बच्चों को नहीं दी जाती। बिल्डिंग जर्जर हालत में है। शौचालय गंदे पड़े रहते हैं। सुनीता ने बताया कि स्वच्छता अभियान के नाम पर बच्चों से स्कूल में शौचालय तक साफ करवाए जाते हैं। यह सरासर गलत है। इस संबंध में जब दैनिक जागरण ने स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से ही इन्कार कर दिया।


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