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नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक हजार छात्रों ने नम आंखों से पाकिस्तान क

By Edited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 03:25 AM (IST)
नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक हजार छात्रों ने नम आंखों से पाकिस्तान के पेशावर में मारे गए आर्मी स्कूल के 132 बच्चों को श्रद्धांजलि दी। छात्रों ने एक हजार मोमबत्तियां जलाई और उनकी याद में सफेद फूल लगे पौधे रखे और दो मिनट का मौन रखकर शोक जताया।

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इस अवसर पर शिक्षा निदेशक पद्मिनी सिंगला ने कहा कि पेशावर में स्कूली बच्चों पर हुआ हमला बहुत ही दुखद है। हम राजधानी के स्कूलों में भी सुरक्षा चाक चौबंद करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगावाएंगे। उन्होंने कहा कि वे पुलिस सहित कई विभागों से समन्वय कर इस तरह की परेशानियों से निपटने के लिए योजना बनाएंगे।

नई दिल्ली नगर परिषद के चेयरमैन जलज श्रीवास्तव ने बताया कि छात्रों को मानसिक रूप से भी इस तरह की विपत्ति से निपटने के लिए तैयार करना होगा। हर स्कूल में मॉकड्रिल भी करने की आवश्यकता है। आत्मरक्षा और अन्य प्रशिक्षण से आपदा के समय बचने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जा सकता है। आपातकाल में पुलिस या अन्य एजेंसियों को सूचना देने के लिए साइलेंट सायरन या छिपी हुई घंटी आदि भी रखी जा सकती है।

इस आयोजन में मध्य दिल्ली और नई दिल्ली इलाकों के स्कूलों के एक हजार छात्र एकत्रित हुए थे। यहां पर बैंड से विभिन्न धुनें भी बजाई गई।

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प्रतिक्रिया

मैं इस घटना के बाद से दुखी हूं। देश अलग है, लेकिन संवदेनाएं एक हैं। सबका खून लाल ही है। इस घटना से मानवता शर्मसार हुई है। इस घटना के बाद भी बच्चे स्कूल आ रहे हैं और माता-पिता शिक्षकों के विश्वास पर उनको भेज रहे हैं।

-मिनी रीबा मुस्तर, शिक्षिका, एनपी बंगाली ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल।

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हमें इस घटना का दुख है और हमने अपने स्कूल में भी मौन रखकर अपनी संवदेना व्यक्त की थी। जिस तरह से बच्चों को मारा गया है वह अमानवीय कृत्य है।

-नम्रता, छात्रा, सर्वोदय कन्या विद्यालय, पंडारा रोड।

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इस घटना का हमें दुख है। हमें पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी पसंद हैं। मारे गए बच्चे देश के लिए अच्छा खेल सकते थे या किसी और क्षेत्र में जा सकते थे।

-प्रमोद, छात्र, गवर्नमेंट ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मंदिर मार्ग।

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जब आतंकवाद का नाम सुनते हैं तो डर लगता है। हमें उम्मीद नहीं थी कि स्कूलों में भी हमला हो सकता है। हमारे शिक्षक हमें दूसरे मुल्कों के साथ भी प्रेम से रहने का पाठ पढ़ाते हैं। हमारी इच्छा थी कि हम आतंकी हमले में मारे गए बच्चों के लिए प्रार्थना करें।

-मो. सलमान, छात्र, गवर्नमेंट ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मंदिर मार्ग।


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