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अंग प्रत्यारोपण नेटवर्क से जुड़ेंगे 20 अस्पताल

रणविजय सिंह, नई दिल्ली देशभर में अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम को व्यवस्थित कर उसे बढ़ावा देने के लिए

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 10:47 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 10:47 PM (IST)
अंग प्रत्यारोपण नेटवर्क से जुड़ेंगे 20 अस्पताल

रणविजय सिंह, नई दिल्ली

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देशभर में अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम को व्यवस्थित कर उसे बढ़ावा देने के लिए सफदरजंग अस्पताल में बनाए जा रहे राष्ट्रीय अंग व टिश्यू प्रत्यारोपण (नोटो) सेंटर में अंगदान की सुविधा शुरू कर दी गई है। इच्छुक लोग इसकी वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराकर अंगदान की शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा नोटो ने अंग प्रत्यारोपण करने वाले दिल्ली-एनसीआर के 20 अस्पतालों को इस नेटवर्क से जुड़ने का निर्देश दिया है। ऐसे में ये अस्पताल जल्द ही एक नेटवर्क के दायरे में आ जाएंगे।

मौजूदा समय में अंगदान व अंग प्रत्यारोपण को लेकर व्यवस्थित कार्यक्रम नहीं है। सभी अस्पताल अपने स्तर पर कार्यक्रम चलाते हैं। जागरूकता की कमी के कारण अंगदाताओं की भारी कमी है, जबकि अंग प्रत्यारोपण के लिए मरीज अधिक हैं, इसलिए सफदरजंग अस्पताल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नोटो सेंटर बनाया जा रहा है।

79 लोग ले चुके हैं शपथ

शुरुआत में सुस्ती के कारण यह परियोजना ढाई साल में पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई। सितंबर में कहा गया था कि एक महीने में वेबसाइट तैयार हो जाएगी। हालांकि, अब तक वेबसाइट पूरी तरह तैयार तो नहीं हो पाई पर अंगदान के लिए पंजीकरण की सुविधा एक सप्ताह से शुरू कर दी गई है। अब तक 79 लोग अंगदान के लिए शपथ भी ले चुके हैं।

पहले यूजर आइडी बनाना पड़ेगा

नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि ट्रायल के रूप में पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। इसके लिए पहले वेबसाइट पर अपना यूजर आइडी बनाना पड़ेगा। अंगदान के लिए दो रिश्तेदारों या गवाहों का हस्ताक्षर जरूरी है। लोग चाहें तो वेबसाइट से पंजीकरण फॉर्म डाउनलोड कर उसे भरने के बाद नोटों सेंटर में भेज सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन पंजीकरण करने पर भी 'डोनर कार्ड' मुहैया कराया जा रहा है।

नेटवर्क से जुड़ेंगे अस्पताल

डॉ. अनिल ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में 20 अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा है, जिसमें छह सरकारी अस्पतालों को अंग प्रत्यारोपण का लाइसेंस मिला है। इसमें एम्स, आर्मी अस्पताल, आरएमएल, आइएलबीएस, सफदरजंग व जीबी पंत शामिल हैं। उन सभी अस्पतालों को पत्र भेजकर नोटो के नेटवर्क से खुद को पंजीकृत करने के लिए कहा गया है। इस प्रक्रिया में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है, उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा। बाद में देशभर के दूसरे अस्पताल भी इस नेटवर्क से जुड़ेंगे।

मौजूद होगी मरीजों की प्रतीक्षा सूची

अंग प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे मरीजों की प्रतीक्षा सूची वेबसाइट पर मौजूद रहेगी। हालांकि, मरीज को एक ही अस्पताल में पंजीकृत किया जाएगा। संबंधित अस्पताल नोटों की वेबसाइट पर मरीज की सूचना देंगे। अस्पतालों के पंजीकृत होने पर प्रतीक्षा सूची तैयार होगी। किसी भी अस्पताल में ब्रेन डेड व्यक्ति से अंगदान मिलने पर उसे प्रतीक्षा सूची के अनुसार ही मरीज को आवंटित किया जाएगा।


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