नगर निगम के डिमांड नोटिस पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम द्वारा डीडीए से प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में 530 करोड़ रुपये
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम द्वारा डीडीए से प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में 530 करोड़ रुपये की मांग करते हुए भेजे गए डिमांड नोटिस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। यह नोटिस डीडीए को उनके द्वारा विकसित की जा रही नजरूल भूमि की ऐवज में नगर निगम द्वारा 20 अक्टूबर को भेजा गया था।
न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने मामले में तीनों नगर निगम को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मागा है। अब इस मामले में 21 जनवरी 2015 को सुनवाई होगी। वहीं, कोर्ट ने मामले में डीडीए को निर्देश दिया है कि वह रजिस्ट्रार जनरल के पास एक दिसंबर तक पचास करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करा दे। उल्लेखनीय है कि डीडीए ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि केंद्र सरकार ने उन्हें राजधानी में बहुत सी नजरूल भूमि विकास के लिए दी हुई है। यह भूमि जिन क्षेत्रों में है, वे क्षेत्र नगर निगम के अधीन आते हैं। नगर निगम ने भूमि का हवाला देते हुए उन्हें 20 अक्टूबर को एक डिमांड नोटिस जारी कर 530 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स की मांग की है। यह प्रापर्टी केंद्र सरकार की है। इसलिए इस मामले में उनकी देनदारी नहीं बनती। ऐसे में निगम द्वारा भेजे गए डिमांड नोटिस को रद किया जाए।