दंगे के बीच पलायन शुरू
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली त्रिलोकपुरी इलाके से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। कई लोग अपने नजदीक
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
त्रिलोकपुरी इलाके से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। कई लोग अपने नजदीकी रिश्तेदारों के यहां शरण लेने पर मजबूर हो रहे हैं। कुछ लोग अपने गांव की तरफ रुख कर रहे हैं। अपने परिवार सहित मुरादाबाद स्थित गांव जा रहे मुहम्मद चांद ने बताया कि यहां काफी तनाव है। दो-तीन दिन से घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। इलाके के कुछ अन्य लोग अपने बच्चों के साथ सामान लेकर निकलते दिखाई दिए। परिवार के साथ जा रही रूबीना ने कहा कि हमारे घरों में तीन दिन से रोटियां नहीं पकी हैं। हम और हमारे बच्चे भूखे मर रहे हैं। दंगा कौन चाहता है। यह तो पुलिस और नेता करवा रहे हैं। जान बचाने के लिए कुछ दिन बाहर निकल जाना ही बेहतर है। पलायन करने वाले ज्यादातर लोग त्रिलोकपुरी के 26 और 16 ब्लॉक के हैं। वहीं लोगों को फोन कर यहां आने से भी रोका जा रहा है। 28 ब्लॉक निवासी एक महिला ने बताया कि उसने अपने बेटे को घर आने से रोक दिया है।
रणनीति कमजोर
दंगे पर नियंत्रण में रणनीतिक रूप से विफलता साफ नजर आई। 26 ब्लॉक में दोपहर करीब चार बजे एक गली में लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। यहां से चंद कदम की दूरी पर काफी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। लेकिन उन्होंने करीब दस मिनट बाद गली में फ्लैग मार्च शुरू किया। जब तक पुलिस पहुंचती सड़क ईंट और कांच से पट चुकी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई कर रही है। पुलिस तनाव को गंभीरता से नहीं ले रही है। लोगों का आरोप है कि जिसकी वजह से तनाव उत्पन्न हुआ है, पुलिस उसे साथ लेकर हालात को काबू करने का प्रयास कर रही है। गत बृहस्पतिवार से ही इन ब्लॉकों में सैकड़ों लोग जमा होकर पत्थरबाजी करते रहे। बृहस्पतिवार को इलाके में पथराव होने के बाद रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया था। हालात पूरी तरह से नियंत्रित भी नहीं हुए कि रात में डेढ़ बजे रैपिड एक्सन फोर्स को इलाके से हटा लिया गया।
जमीन कब्जाने की कोशिश
बताया जाता है कि दंगे की आड़ में जमीन पर कब्जे की कोशिश है। इलाके लोग बताते हैं कि काफी वर्ष पहले यहां सीवर लाइन नहीं होने के कारण सार्वजनिक शौचालय बनाए गए थे। सीवर लाइन बिछने के बाद शौचालय हटा दिए गए। ऐसे ही एक जमीन पर पिछले एक महीने से माता की चौकी लगाई गई थी और वहीं पर मांस की दुकान चलाने वालों की गाड़ियां खड़ी होती थीं। इसे लेकर दोनों पक्ष अक्सर आमने-सामने आते रहते हैं। करीब 20 दिन पहले भी झगड़ा हुआ था लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था।