ई-रिक्शा परिचालन पर भ्रम की स्थिति बरकरार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : ई-रिक्शा के परिचालन को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि अभी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : ई-रिक्शा के परिचालन को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि अभी इसके लिए परमिट व लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं हो सकी है। इस बारे में स्पष्ट नियम बनाने के बाद हाई कोर्ट में भी सरकार को अपना पक्ष रखना होगा, जिसके बाद दिल्ली की सड़कों पर ई-रिक्शा का परिचालन संभव हो सकेगा। हालांकि, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ उपराज्यपाल नजीब जंग तथा पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी की मुलाकात से इस बारे में शीघ्र फैसला लिए जाने की उम्मीद है।
बताया जा रहा है कि बीते सोमवार को गडकरी के साथ उपराज्यपाल व पुलिस आयुक्त की हुई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कर ई-रिक्शा के परिचालन में आने वाले गतिरोध को दूर करने की कोशिश की गई है। संभव है कि ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस जारी करने में कुछ छूट दी जाए। इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा। वहीं, दिल्ली परिवहन विभाग ने जन सूचना जारी कर बिना परमिट व लाइसेंस के ई-रिक्शा नहीं चलाने की हिदायत दी है। इस असमंजस की स्थिति से ई-रिक्शा चालक परेशान हैं। उनका कहना है कि इस बारे में सरकार को शीघ्र फैसला लेना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली में अधिकतर ई-रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। जबकि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर कुछ दिनों पूर्व जारी किए गए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में ई-रिक्शा के लिए परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा को अनिवार्य करने की बात कही गई है। चालक को प्रत्येक तीन वर्ष के बाद लाइसेंस का नवीनीकरण भी कराना होगा। वहीं, सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए एक साल का अनुभव जरूरी है। इस तरह से एक साल पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। जबकि वर्तमान नियमों के अनुसार ई-रिक्शा चालकों को लर्निग लाइसेंस ही जारी किया जा सकता है। इसलिए वर्तमान कानूनों में संशोधन करने की जरूरत बताई जा रही है।