वन्य एवं पर्यावरण कानून की आड़ में सड़क पर कब्जा
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
आमतौर पर कानून संरक्षण व सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए जाते हैं, लेकन मयूर विहार फेज-तीन स्थित एमआइजी फ्लैट परिसर में कानून की आड़ में जमीन पर कब्जा करने का सुनियोजित षडयंत्र रचा जा रहा है। स्थानीय आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने जब इसकी शिकायत संबंधित विभाग और पुलिस प्रशासन से की तो कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने पदाधिकारियों को ही थाने में बिठा लिया।
वन्य एवं पर्यावरण कानून पेड़ों को काटने की इजाजत नहीं देता। ऐसा करने वाले आमतौर पर कानून के मुजरिम होते हैं, लेकिन इसी प्रावधान का फायदा उठाकर कुछ लोग सोसायटी के अंदर जमीन कब्जाने की साजिश रच रहे हैं। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों के अनुसार इसकी शिकायत पुलिस को करना उनपर ही तब भारी पड़ गया, जब पुलिस ने कब्जा करने वाले तत्वों पर कार्रवाई की जगह पदाधिकारियों को ही थाने में घंटों नजर बंद कर दिया। वहीं कब्जा करने वाले तत्वों की शिकायत पर कई आरोप मढ़ दिए। आरडब्ल्यूए के अनुसार सोसायटी परिसर में पहले कम लोग रहते थे। ऐसे में सुरक्षा कारणों से सोसायटी के एक द्वार को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया। पहले के मुकाबले अब सोसायटी परिसर में ज्यादा लोग रहते हैं और गाड़ियों की संख्या भी अब अधिक हो गई है। ऐसे में बंद गेट को खोलने की जरूरत महसूस की जा रही है, लेकिन इस मार्ग को खोदकर कुछ लोगों ने पार्क का निर्माण कर लिया है। इनमें से एक डॉक्टर बताए जाते हैं, दूसरा प्रॉपर्टी कारोबारी है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने इस बाबत नगर निगम, जिलाधिकारी, डीडीए, एसडीएम मयूर विहार सहित स्थानीय विधायक और सांसद और पार्षद को लिखित शिकायत की है, मगर किसी ने भी कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई। जिसके कारण जमीन कब्जाने वाले तत्वों के हौसले बुलंद हैं।
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इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। वास्तविकता के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चत किया जाएगा।
-एमजी सत्या, एसडीएम, मयूर विहार
विभाग के पास शिकायत की गई है या नहीं इस बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी जाएगी। सड़क की जगह पार्क बनाना गलत है।
-नीमोधर, जनसंपर्क सलाहकार आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण