स्नेह से बंधी रिश्तों की डोर
अरविंद कुमार द्विवेदी, दक्षिणी दिल्ली
टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्रा बृहस्पतिवार को उत्साह और जिज्ञासा से लबरेज थे। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पत्नी पेंग लीयुआन खास मेहमान के तौर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं के बीच थीं। पिछले एक हफ्ते से वे इस पल के इंतजार में थे। किसी ने उनसे हाथ मिलाया तो किसी ने खुद से बनाया उनका पोट्रेट उन्हें भेंट किया। बच्चों ने बताया कि यह सीखने का मौका था। यह पल उन्हें हमेशा याद रहेगा।
छठवीं के छात्र कोणार्क ने बताया कि पेंग ने उन्हें गले लगाया और चूमा। यह उसके लिए गौरवशाली पल था कि चीन की प्रथम महिला ने उसे स्नेह से गले लगाया। कोणार्क ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया था जिससे खुश होकर पेंग ने ऐसा किया। कोणार्क डॉक्टर बनना चाहता है। वहीं, छठवीं के चर्णित ने बताया कि पेंग ने उसे भी गले लगाया। वह पिछले एक सप्ताह से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी कर रहा था। छठवीं के कविश से पेंग ने हाथ मिलाया और हेलो किया। वहीं, 10वीं की छात्रा नयनिका ने पेंग लीयुआन से चीनी भाषा में बात की। नयनिका चार साल चीन के शंघाई में रह चुकी है और तीसरी से छठवीं कक्षा तक वहीं पढ़ाई की है। उसके पिता चीन में सरकारी नौकरी करते थे।
रिश्तों की याद दिलाएगा पोट्रेट
टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं की छात्रा आराधिका बड़ी होकर आर्किटेक्ट बनना चाहती है। लेकिन रिश्तों की इमारत बनाना उसे अभी से बखूबी आता है। आराधिका को पोट्रेट बनाने का शौक है। उसने पेंग के दो पोट्रेट बनाए थे। इन्हें बनाने में उसे चार घंटे लगे। आराधिका ने बताया कि उसने पढ़ाई के अलावा अतिरिक्त समय निकालकर ये पोट्रेट बनाए थे। एक पोट्रेट उसने पेंग को भेंट किया जबकि दूसरा पोट्रेट स्कूल में रखा गया। स्कूल में रखे पोट्रेट पर पेंग ने हस्ताक्षर किए। विज्ञान की छात्रा आराधिका ने बताया कि पोट्रेट पेंग लियुआन को भारत-चीन के रिश्तों की याद दिलाएगा। उसने बताया कि पोट्रेट में पेंसिल कलर का इस्तेमाल किया गया है जो पेंग को काफी पसंद आया। पोट्रेट बनाने के लिए उसे आर्ट की शिक्षिका मीना से प्रेरणा मिली। आराधिका दक्षिणी दिल्ली के कटवरिया सराय इलाके में परिवार के साथ रहती है।