स्काई वॉक से जुड़ेंगे नए मेट्रो स्टेशन
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुंबई को शंघाई जैसा बनाने के लिए करार किया तो दूसरी ओर देश की राजधानी में भी हाईटेक परिवहन की कवायद शुरू हो गई है।
इसके तहत राजधानी में पहले से बने एक और तीसरे व चौथे चरण के लिए बन रहे अन्य दस मेट्रो स्टेशनों के आसपास परिवहन व्यवस्था को चकाचक रखने और जाम से बचने के लिए स्काई वॉक का सहारा लिया जाएगा। इससे कई एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों को स्काई वॉक से जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को नीचे उतरकर सड़क पार नहीं करनी पड़ेगी। यात्री चौराहे के ऊपर ही गोलाकार बने स्काई वॉक से जिस कट पर उतरना चाहेंगे, बिना चौराहे को पार किए वहां उतर जाएंगे। इससे पैदल यात्रियों को जेब्रा क्रॉसिंग पार करने का झंझट नहीं रहेगा और सड़क पर जाम भी नहीं लगेगा।
जंग ने की कई विभागों के साथ बैठक
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने बृहस्पतिवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग के सचिव, परिवहन विभाग, यूनाइटेड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सेंटर (यूटीपेक), दिल्ली मेट्रो, यातायात पुलिस और अन्य विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर 11 मेट्रो स्टेशनों के आसपास नए तरीके की यातायात परियोजना को स्वीकृति दी। यही नहीं सभी विभागों को समय पर काम खत्म करने का निर्देश भी दिया गया।
मयूर विहार मेट्रो स्टेशन के अलावा नए बन रहे त्रिलोकपुरी, पूर्वी विनोद नगर, पश्चिमी विनोद नगर, धौला कुआ, मोती बाग, रोहिणी, शकरपुर, बादली मोड़, ओखला खंड-3, कालकाजी खंड-2 और खंड-3 के मेट्रो स्टेशन के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। यूटीपेक ने एक प्रजेंटेशन भी दिखाया जिसमें बहुविद परिवहन साधनों को चलाने और नए मेट्रो स्टेशनों के आस-पास भीड़ को कम करने, पैदल यात्रियों और वाहनों को नियंत्रित करने पर बल दिया गया। परियोजना का मुख्य उद्देश्य मेट्रो का प्रयोग करने वाले यात्रियों को बेहतर, सुविधाजनक तथा सुरक्षित यातायात के साधन उपलब्ध कराना है। दिल्ली मेट्रो ने कहा है कि वे तेजी से काम कर रहे हैं और जून, 2016 तक काम पूरा कर लिया जाएगा।
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इंसेट
क्या है स्काई वॉक
स्काई वॉक को गंतव्य तक पहुंचने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह फुट ओवरब्रिज का ही एक रूप है। मुंबई में इसके लिए पूरा स्काई वॉक प्रोजेक्ट बनाया गया है। वहां पहला स्काई वॉक वर्ष 2008 में बना था। अब दिल्ली में भी इन्हें बड़ी संख्या में बनाया जा रहा है। नए मेट्रो स्टेशनों के पास बनने वाले अधिकतर स्काई वॉक गोलाकार होंगे। इसमें बिना सड़क पार किए ऊपर ही ऊपर यात्री निर्धारित गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
ये मेट्रो स्टेशन जुड़ेंगे स्काई वाकॅ से
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त्रिलोकपुरी- मेट्रो स्टेशन के भीड़ भाड़ वाले प्रथम तल को स्काई वॉक से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा आच्छादित मार्ग भी बनाया जाएगा।
पश्चिमी विनोद नगर- नेशनल हाईवे-24 को सुविधाजनक पार करने तथा मंडावली गाव में सीधे पहुंचने के लिए स्काई वॉक प्रणाली उपयोग में लाई जाएगी।
धौलाकुआ- धौलाकुआ के नए मेट्रो स्टेशन को एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस के साथ जोड़ा जाएगा और स्काई वॉक बनाया जाएगा
मोती बाग- स्टेशन में प्रवेश के रास्ते को स्काई वॉक से जोड़ा जाएगा और एक सबवे भी बनाया जाएगा।
बादली मोड़- फ्लाईओवर के नीचे यात्रियों के उतरने की व्यवस्था तथा संजय गाधी ट्रासपोर्ट, बादली गाव और औद्योगिक क्षेत्र में जाने के लिए कई तरह के यातायात साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
ओखला खंड-3- मुख्य मार्ग की भीड़ को कम करने के लिए आस्था कुंज पार्क के द्वारा रोड को बाईपास से जोड़ा जाएगा।
कालकाजी- रिंग रोड और नेहरू प्लेस के पास खंड-2 और खंड-3 के मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए स्काई वॉक बनाया जाएगा।
इनके लिए तैयार की गई है विशेष योजना
मयूर विहार- वर्तमान रास्ते के साथ यातायात को बेहतर करने के लिए फ्लाईओवर के नीचे गोल चक्कर बनाया जाएगा।
पूर्वी विनोद नगर- नए मेट्रो स्टेशन को बस टर्मिनल से जोड़ा जाएगा और लोगों के चलने के लिए रोड भी बनाई जाएगी।
रोहिणी- ऑटो, रिक्शा और अन्य वाहनों से यात्रियों के उतरने के लिए स्टेशन के साथ वाले मार्ग का प्रयोग किया जाएगा।
शकरपुर- स्टेशन की भीड़ के लिए फुट ओवरब्रिज को बढ़ाया जाएगा। आवागमन के मार्ग को अवरुद्ध होने से बचाने के लिए स्टेशन के सामने निकासी द्वार बनाया जाएगा।