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कैद में ऐतिहासिक स्मारक जमाली-कमाली का मकबरा

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 01:05 AM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 01:05 AM (IST)
कैद में ऐतिहासिक स्मारक  जमाली-कमाली का मकबरा

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली

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महरौली के पुरातत्व पार्क में स्थित संरक्षित स्मारक जमाली-कमाली फिलहाल कैद में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अतिक्रमण से बचाने के लिए जमाली-कमाली के मकबरा परिसर के द्वार पर ताला लगा दिया है। पहले स्मारक के गेट की चाबी वहां तैनात निजी सुरक्षा गार्डो के पास होती थी, लेकिन जब सुरक्षा गार्डो की मनमानी की शिकायतें आने लगी तो चाबी उनसे ले ली गई। इससे मुगलकालीन स्थापत्य कला का दीदार करने आने वाले देसी-विदेशी पर्यटकों को निराशा होकर यहां से लौटना पड़ रहा है।

सुरक्षा में तैनात निजी गार्डो ने बताया कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के नाम पर मकबरा परिसर में स्थानीय लोगों ने कब्जा जमा लिया था। उन लोगों ने संरक्षित स्मारक को खासा नुकसान भी पहुंचाया। बाद में एएसआइ ने पुलिस प्रशासन की मदद से मकबरा परिसर को अतिक्रमणकारियों से खाली कराया है। सूत्र बताते हैं कि गार्ड पैसे लेकर वहां लोगों को पूजा-पाठ करने देते थे। साथ ही कुछ अन्य गतिविधियां भी पाई गई जिसके बाद चाबी ले ली गई। वहीं, जमाली-कमाली मकबरा परिसर से सटी 16 वीं शताब्दी की मस्जिद की दीवारों पर लोगों ने नाम लिखकर इसे बदरंग कर दिया है।

मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना

कुतुबमीनार के नजदीक महरौली के पुरातत्व पार्क में स्थित जमाली-कमाली का मकबरा मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। मकबरा के भीतर खूबसूरत नक्काशी और पेंटिंग्स है। पेंटिंग्स में विविध रंगों का प्रयोग किया गया है। छतों और दीवारों पर पिचकारी है। इसमें पेड़-पौधों की कलात्मक पेंटिंग्स बनी है। बाहर बरामदे में भी रंगोली बनी है। दीवार को रंगने में सफेद रंग का प्रयोग हुआ है।

16 वीं शताब्दी का यह मकबरा शेख फजलुल्लाह उर्फ जमाली का है। जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के समय में पूरा हुआ था। मकबरे में दो कब्रें हैं। ऐसा माना जाता है कि एक कब्र जमाली की है और दूसरा कमाली की। खास बात यह है कि मकबरा का डिजाइन मरने से पहले खुद जमाली ने तैयार किया था। जमाली-कमाली के मकबरे वाले परिसर में 12 और मकबरे स्थित हैं, जबकि परिसर में ही स्थित एक अन्य खुले कमरे में 11 मकबरे हैं।


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