एसएमएस पर विज्ञापन रुका तो व्हाट्सएप पर चालू
ममता सिंह, नई दिल्ली
मोबाइल पर एसएमएस से विज्ञापन रोकने के लिए ट्राई ने बहुत प्रबंध किए और कुछ हद तक उसमें सफलता भी मिल गई लेकिन अब कंपनियों ने टेली मार्केटिंग के लिए इसका भी तोड़ निकाल लिया है। अब व्हाट्सएप और हाइक जैसे सोशल एप्स पर लगातार विज्ञापन भेजे जा रहे हैं और उसमें डू-नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) का भी असर नहीं होता। सोशल एप्स के जरिए टेलीमार्केटिंग कर अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कंपनियों को एक सस्ता और किफायती विज्ञापन का जरिया मिल गया लेकिन यह आम उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है।
इन दिनों मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर विभिन्न एप्लीकेशन पर विज्ञापन के लिए संदेश आ रहे हैं, जो दिल्लीवासियों के लिए सिर दर्द बन गए हैं।
दरअसल, मेट्रो शहर में मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका विभिन्न कंपनियां फायदा उठा रही हैं। खासतौर पर रियल एस्टेट, होटल एंड टूरिज्म कंपनियों को सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन पर विज्ञापन करना खासा रास आ रहा है। राजधानी के मोबाइल उपभोक्ताओं के मैसेजिंग एप्लीकेशन पर विज्ञापन के बल्क मैसेज तो नहीं आ रहे हैं लेकिन प्रतिदिन अलग-अलग मैसेज जरूर आते हैं। कंपनियां इसके जरिये प्रचार करती हैं और उपभोक्ता का सिरदर्द बढ़ता है। उपभोक्ताओं को लगता है कि जल्द ही इन विज्ञापन वाले संदेशों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
स्पीक आउट ---------
मेरे व्हाट्सएप पर रोजाना दो से तीन मार्केटिंग मैसेज आते हैं, जबकि मेरा नंबर डू नॉट डिस्टर्ब पर भी रजिस्टर्ड है। गनीमत है कि अभी इस पर बल्क मैसेज नहीं भेजे जा रहे हैं। यदि ऐसा हो जाएगा तो इससे निश्चित रूप से समस्या होगी।
सुचित्रा, नई दिल्ली
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वैसे तो विभिन्न उत्पादों के लिए सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन पर मार्केटिंग के मैसेज भेजे जा रहे हैं। हालांकि, इस तरह के संदेश भेजने वालों में सबसे बड़ी संख्या रियल एस्टेट कंपनियों की है जो अपने नए प्रोजेक्ट का विज्ञापन करने के लिए संदेश भेज रही हैं। इसके अलावा होटल व टूर ऑपरेटर्स भी भारी संख्या में इस तरह के मैसेज भेज रहे हैं।
दीपक शुक्ला, नई दिल्ली
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शुक्र है कि अभी ये कंपनियां बल्क मैसेज नहीं भेज रही हैं। यदि ऐसा होने लगा तो निश्चित रूप से समस्या होगी। हालांकि सरकार को इन्हें नियंत्रित करने के लिए वाजिब कदम उठाने चाहिए। ऐसा न करने से समस्या बढ़ेगी।
योगेंद्र सिंह, नई दिल्ली
कोट्स -----------------
यदि सोशल मैसेजिंग एप्लीकेशन पर मोबाइल उपभोक्ताओं को मार्केटिंग के मैसेज भेजे जा रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही तय किया जा पाएगा कि इस मामले में क्या हो सकता है।
सुधीर गुप्ता, सचिव, ट्राई