Move to Jagran APP

तेज भूकंप आया तो दिल्ली में होगी तबाही

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:04 AM (IST)
तेज भूकंप आया तो दिल्ली में होगी तबाही

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

loksabha election banner

सिस्मिक जोन-4 में स्थित दिल्ली तेज भूकंप से तबाह हो सकती है। रिक्टर स्केल पर 6.5 परिमाण (मैग्नीट्यूड) का भूकंप जिसका केंद्र दिल्ली या उसके समीप होगा तो राजधानी में खौफनाक मंजर दिखेगा। बृहस्पतिवार को हिमाचल प्रदेश में आए भूकंप से दिल्ली में भी झटके महसूस किए गए। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली से करीब 350 किलोमीटर दूर होने के कारण यहां कम असर पड़ा। सिस्मोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ऑपरेशन जेएल गौतम ने बताया कि यदि रिक्टर स्केल पर 6 परिमाण या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो इमारतों को नुकसान हो सकता था।

पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और नई दिल्ली सर्वाधिक प्रभावी इलाके

राजधानी में भूकंप पर दिल्ली विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान के छात्रों ने शोध किया है। इसमें पता चला कि रिक्टर स्केल पर 6.5 परिमाण का भूकंप दिल्ली के लिए काफी खतरनाक है। सबसे अधिक प्रभावी इलाकों में पूर्वी, उत्तर पूर्वी और नई दिल्ली शामिल हैं। शोध में मेट्रो के 12,000 बोरवेल और फ्लाईओवर का डेटा लेकर अध्ययन किया है। शोध छात्र थोई थोई ने बताया कि रोहिणी, पीतमपुरा, जहांगीर पुरी, राजौरी गार्डेन, पंजाबी बाग, निर्माण विहार, सीलमपुर, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, मुखर्जी नगर, कश्मीरी गेट, तिमारपुर, नेहरू विहार, नई दिल्ली का पूरा इलाका इस क्षमता का भूकंप नहीं सह सकता। दक्षिणी दिल्ली में पथरीला इलाका होने के कारण इस क्षमता का भूकंप आने पर भारी नुकसान की संभावना कम है।

भूकंपरोधी नहीं हैं मकान

डीयू में भू विज्ञान के प्रोफेसर और शोध के निर्देशक प्रो. सीएस दूबे ने बताया कि दिल्ली में भूकंप का खतरा ज्यादा है। यहां के मकान भूकंपरोधी नहीं हैं। यमुना का क्षेत्र रेतीला होने से ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। हम इस पर भी काम कर रहे हैं कि यदि 5-6.5 परिमाण के बीच भूकंप आता है तो क्षेत्र के हिसाब से कितना नुकसान होगा। इसका प्रस्तुतीकरण जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे। दिल्ली में भूकंप के बारे में फिरदौस ने अपनी पुस्तक में 1720 में लिखा है, इसमें दर्शाए गए नुकसान के आधार पर माना जाता है कि 6.5 परिमाण का भूकंप आया होगा। हमने इसे भी शोध में शामिल किया है। हम वर्ष 2004 से इस पर काम कर रहे हैं। टीम में मनोज चौधरी, एनपी सिंह, थोई थोई और मैं हूं। भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकि विभाग ने हमें वर्ष 2004 में 70 लाख और वर्ष 2009 में 45 लाख का अनुदान दिया है।

--------------

भूकंप पूर्वानुमान की तकनीकीकिसी भी देश के पास नहीं है। भूकंप से पूर्व के लक्षणों को चिह्नित करने के काम में वैज्ञानिक जुटे हैं। पिछले कई साल से हिमालय क्षेत्र की भारतीय उपमहाद्वीप एशियन प्लेट के नीचे जा रही है। इस कारण भूकंप के झटके भारत में आ रहे हैं।

- जेएल गौतम, डायरेक्टर ऑपरेशन, सिस्मोलॉजी डिपार्टमेंट, मौसम विभाग

-दिल्ली में आए बड़े भूकंप

वर्ष---- परिमाण --- केंद्र

1720- 6.7 अनुमानित- दिल्ली

1803- 6.8 - मथुरा

1956- 6.7 - बुलंदशहर

1960- 6.00 - फरीदाबाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.