प्रतिभागियों ने पुलिस चौकी समेत दो बसों में आग लगाई
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट को समाप्त करने की मांग को लेकर मुखर्जी नगर में अनशन कर रहे प्रतिभागियों को पुलिस द्वारा जबरन उठाए जाने के बाद उपजे आक्रोश ने बुधवार रात विकराल रूप धारण कर लिया। आक्रोशित छात्रों ने नेहरू विहार स्थित पुलिस चौकी समेत दो बसों में आग लगा दी और करीब सत्तर वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस पर जमकर पथराव भी किया, जिससे करीब छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। तीन पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उनके सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें लगने से रक्तस्राव होने की जानकारी मिली है।
घटना के बाद तिमारपुर थाना क्षेत्र के नेहरू विहार, गांधी विहार समेत मुखर्जी नगर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है, जिसके भयावह होने की आशंका है। क्षेत्र में पुलिस बल की मौजूदगी के कारण प्रतिभागी छात्र दूसरे क्षेत्रों में पलायन कर गए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने में उत्तर पश्चिम व उत्तरी जिले की पुलिस लगी हुई है।
मुखर्जी नगर में 23 जुलाई से ही यूपीएससी के प्रतिभागी मुकेश राय, लोकपति त्रिपाठी, अजीत त्रिवेदी व उषापति त्रिपाठी आमरण अनशन पर बैठे थे। बुधवार सुबह करीब पांच बजे काफी संख्या में पुलिसकर्मी बत्रा सिनेमा स्थित अनशन स्थल के पास पहुंचे। सुबह करीब 6 बजे पुलिस ने चारों प्रतिभागियों को जबरन उठाकर गाड़ी में बिठा लिया और बाड़ा हिंदू राव अस्पताल में भर्ती करा दिया। सुबह होने के कारण अनशन स्थल पर छात्रों की संख्या कम होने के कारण पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। पुलिस अधिकारियों को माहौल बिगड़ने की आश्ाका थी, इसलिए काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को मुखर्जी नगर में तैनात कर दिया गया। लेकिन, जैसे ही प्रतिभागियों की पुलिस कार्रवाई की जानकारी मिली, उन्होंने अहिंसक तरीके से विरोध जताया। इस बीच दोपहर करीब एक बजे मुकेश व लोकपति अस्पताल से दोबारा अनशन स्थल पर पहुंच गए और अनशन शुरू कर दिया। शाम करीब आठ बजे अस्पताल में भर्ती दोनों साथियों को वापस लाने के लिए छात्र कैंडल मार्च निकालकर अस्पताल जाने लगे, तो पुलिस ने मुखर्जी नगर मोड़ के पास उन्हें रोक दिया। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी और लाठियां भी बरसाई।