नगर निगम भी है मासूम की मौत का जिम्मेदार
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
त्रिलोकपुरी में मासूम की मौत का जिम्मेदार पूर्वी दिल्ली नगर निगम भी है। जगदीश हलवाई अकेला नहीं है, जिसकी कड़ाही सड़क पर गर्म हो रही थी। यह हर इलाके में है और हर तरफ नियमों का उल्लंघन हो रहा है। दुकान के दायरे से निकलकर फुटपाथ या सड़क तक अतिक्रमण कर चूल्हा जलाने वाले हलवाइयों की दुकानें पूरी तरह से बंद करने का एक भी प्रमाण मौजूद नहीं है। इन दुकानों को लाइसेंस नगर निगम देता है। ऐसे में इस तरह के हादसों में नगर निगम पल्ला नहीं झाड़ सकता।
नियमों के मुताबिक कोई भी दुकान अपने दायरे से एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकती। यह अतिक्रमण है, जिसके खिलाफ कार्रवाई के नियम भी कड़े हैं। नगर निगम जुर्माना ठोंकने के साथ इनका लाइसेंस भी रद कर सकता है। कार्रवाई के अभाव में दुकानदारों का दुस्साहस बढ़ रहा है। त्रिलोकपुरी ही नहीं, बल्कि यमुनापार के लगभग हर रिहायशी इलाकों में हलवाइयों की दुकान के आगे गर्म कड़ाही इस तरह के हादसों को निमंत्रण दे रही है। यह सब होता है पुलिस और नगर निगम की मिलीभगत से। जानकार बताते हैं कि अतिक्रमण के दम पर चल रही हलवाइयों की दुकानों से मोटा पैसा वसूली में जाता है। इस कारण इन पर कार्रवाई नहीं होती। हालांकि नगर निगम के अधिकारी इन आरोपों को खारिज करते हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी केके चौधरी कहते हैं कि अतिक्रमण किसी भी तरह का हो, निगम समय-समय पर अभियान चलाकर इनके खिलाफ कार्रवाई करता है। दुकान के सामान जब्त करने के साथ चालान होता है और कई मामलों में तो लाइसेंस भी रद कर दिया जाता है। बाद में फिर से लाइसेंस लेकर ये अपनी दुकान चलाने लग जाते हैं। इसमें निगम की तरफ से कोई कोताही नहीं बरती जा रही है।
खतरनाक है यह प्रवृत्ति
जलेबी, समोसे, पकौड़ियां और अन्य तली जाने वाली चीजों को हलवाई दुकान के आगे ही रखते हैं। इस तरह से दुकानदार तो धुएं और तपिश से बच जाते हैं, लेकिन राहगीरों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी होती है। खुले में रखी कड़ाही आने-जाने वालों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है, यह इस घटना ने बता दिया है।