जंक फूड को लेकर श्रेणीगत रिपोर्ट दायर करे केंद्र सरकार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : राजधानी के सभी स्कूलों में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वह जंक फूड व नेचुरल फूड को लेकर श्रेणीगत रिपोर्ट तैयार करे। यह रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर अदालत के समक्ष दायर की जाए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग की खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी रिपोर्ट के माध्यम से यह स्पष्ट करे कि किस-किस तरह के खाद्य पदार्थ जंक फूड की श्रेणी में आते हैं और किस तरह के खाद्य पदार्थ नेचुरल फूड की श्रेणी में आते हैं? दोनों तरह के खाद्य पदार्थो का श्रेणीगत विभाजन किया जाना बेहद जरूरी है अन्यथा स्कूलों में संशय की स्थिति बनी रहेगी कि बच्चों के लिए कौन सा पदार्थ देने या बिक्री योग्य है और कौन सा नहीं?
ज्ञात हो कि पूर्व में केंद्र सरकार ने अदालत के समक्ष बताया था कि विभिन्न स्कूलों में व उनके आसपास होने वाली जंक फूड की बिक्री को नियंत्रित करने के मामले में सरकार द्वारा तैयार ड्राट दिशा-निर्देश (गाइडलाइंस) की जाच पहले एक्सपर्ट कमेटी करेगी, उसके बाद ही इन्हें लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में राजधानी के स्कूलों में जंकफूड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर उदय फाउंडेशन नामक संस्था ने एक याचिका दायर कर रखी है। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले साल 24 जुलाई को खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस संबंध ड्राट दिशा-निर्देश तैयार करे। ताकि स्कूलों में जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाई जा सके।