आजादपुर मंडी के कामगारों को नहीं मिल सका परिचय पत्र
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : परिचय पत्र नहीं मिलने से आजादपुर मंडी के कामगार काफी निराश हैं। आजादपुर कृषि उत्पाद विपणन कमेटी (एपीएमसी) ने करीब दो साल पूर्व सुरक्षा सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के मकसद से कामगारों को परिचय पत्र देने की योजना तैयार की थी। इसके लिए एपीएमसी के उप सचिव ने मंडी के कारोबारियों, आढ़तियों व कमीशन एजेंटों को नोटिस जारी कर उनके यहां काम करने वाले कामगारों की सूची देने का निर्देश दिया था। एपीएमसी ने यह भी प्रावधान किया था कि कामगार कागजी दस्तावेजों के साथ स्वयं भी परिचय पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद जहां कुछ आढ़तियों ने कामगारों की सूची सौंप दी, वहीं कामगारों ने खुद भी फार्म भरकर जमा करा दिए थे। बाद में यह तय किया गया था कि कामगारों को उनके मतदाता पहचान पत्र सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों के आधार पर परिचय पत्र जारी कर दिए जाएंगें। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। बता दें कि एशिया की बड़ी मंडियों में शुमार आजादपुर में मौजूदा समय में 10 हजार से अधिक कामगार हैं। ये कामगार यहां पर पल्लेदारी, मजदूरी, मुंशी आदि के काम कर रहे हैं। आए दिन ऐसे कामगारों के साथ हादसे होते रहते हैं। उनके साथ अपराधिक घटनाएं भी घटित होती रहती हैं।
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मंडी प्रशासन अब तक कामगारों का परिचय पत्र नहीं बना सका है। इससे कामगारों को कई प्रकार की परेशानी होती है। हमने कई बार मंडी प्रशासन से आग्रह किया है। लेकिन अब तक कोई परिणाम नहीं निकल सका है।
हरवीर सिंह, कामगार
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दो साल पूर्व जब मुंशी बदरे आलम की हत्या हुई थी। तब मंडी प्रशासन ने कामगारों को परिचय पत्र देने की योजना तैयार की थी। लेकिन यह योजना आज तक धरातल पर लागू नहीं हो सकी है।
राजीव कुमार, कामगार
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कामगारों का परिचय पत्र क्यों नहीं बन सका है, इसके बारे में जानकारी ली जाएगी। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर उचित कदम उठाए जाएंगे।
सुरेंद्र बुद्धिराजा, सदस्य, एपीएमसी, आजादपुर मंडी