लोस चुनाव परिणाम पर टिकी भाजपा की नजर
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं चाहने वाले भाजपा नेताओं की नजर सुप्रीम कोर्ट की ओर लगी हुई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अगर चाहें तो दिल्ली में विधानसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव करा सकते हैं। लेकिन भाजपा नेताओं का मानना है कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए अब केंद्र में नई सरकार बनने के बाद ही इस मामले में कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है। ऐसे में विधानसभा चुनाव नहीं चाहने वाले भाजपा नेताओं खासकर विधायक काफी राहत महसूस कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहने की स्थिति में दिल्ली में भाजपा सरकार बनाने की भी कोशिश करेगी।
अधिकांश विधायक फिलहाल चुनाव के पक्ष में नहीं हैं, उनका कहना है कि अभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का असर बरकरार है। ऐसी स्थिति में फिर से चुनाव मैदान में उतरना बड़ी चुनौती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विधानसभा का भविष्य बहुत कुछ लोकसभा चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा। भाजपा अपने साथ ही कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर कोई फैसला करेगी। यदि पार्टी का प्रदर्शन ठीक रहा तो वह दिल्ली में सरकार बनाने की दिशा में बढ़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा व उसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल बादल के मिलाकर कुल 32 विधायक हैं, लेकिन सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों की जरूरत है। वहीं, भाजपा के तीन विधायक लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार हैं। यदि वे चुनाव जीत जाते हैं तो इसके विधायकों की संख्या 29 रह जाएगी। लेकिन पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि इन तीनों विधानसभा सीटों पर फिर से उसके उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे। इसके साथ ही पार्टी के नेताओं की नजर आप के असंतुष्ट नेताओं पर भी है।
पार्टी के कई नेता दावा करते हैं कि लोकसभा चुनाव में यदि आप का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा तो अरविंद केजरीवाल के लिए अपने विधायकों को संभालना मुश्किल हो जाएगा। आप के कई विधायक लक्ष्मीनगर के विधायक विनोद कुमार बिन्नी की राह अपना सकते हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए सरकार बनाना आसान हो जाएगा। यानी, सबकुछ लोकसभा चुनाव पर निर्भर करेगा।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन सहित कई बड़े नेता यह कह चुके हैं कि वह किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। यदि चुनाव होगा तो पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार हैं। इसलिए आने वाले दिनों में दिल्ली विधानसभा को लेकर राजनीति और तेज होगी।