अपहरण का झूठा मामला दर्ज कराना पड़ा महंगा
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : बेटी के अपहरण की झूठी शिकायत दर्ज करना दंपति को महंगा पड़ गया। अदालत के निर्देश पर दंपति के खिलाफ विजय विहार थाने में मामला दर्ज किया गया है। दंपति की बेटी मर्जी से आरोपी युवक के साथ गई और उसके साथ शादी करने के बाद खुशी से रह रही थी। इसकी जानकारी उसने माता पिता को भी दी थी, लेकिन उन्होंने न केवल पुलिस से यह बात छिपाई, बल्कि अदालत में भी शपथ पत्र दायर कर झूठी गवाही दी।
मामले की सुनवाई के दौरान रोहिणी कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ की अदालत ने कहा कि लड़की के माता पिता ने जांच अधिकारी को गुमराह किया और ऐसे लोगों को मामले में फंसाने की कोशिश की, जिनसे उनका पहले से कानूनी विवाद चल रहा था। उन्होंने शपथ पत्र दायर अदालत के सामने भी झूठा बयान दिया। अदालत ने मामले के आरोपी उमेश को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
पेश मामले में महिला सुमन ने विजय विहार थाने में मामला दर्ज कराया था कि 24 अगस्त 2012 की सुबह उसके घर पर चार लोग आए और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने लड़की को उत्तरप्रदेश के महामायानगर (हाथरस) से बरामद करते हुए उमेश को गिरफ्तार कर लिया था। लड़की ने महानगर दंडाधिकारी को अपने बयान में बताया कि वह बालिग है और मर्जी से उमेश से शादी की है। वह अपने माता पिता के घर नहीं जाना चाहती है। उसने अपनी शादी की सूचना माता-पिता को फोन से दे दी थी और उनसे लगातार संपर्क में थी।