आसान नहीं होगा ई-रिक्शा को कानून के दायरे में लाना
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : ई-रिक्शा पर अंकुश लगाने में ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग अभी तक नाकाम रहा है, जिस कारण राजधानी के विभिन्न इलाकों में नियमों का उल्लंघन कर धड़ल्ले से ई-रिक्शा चल रहे हैं। हालांकि, परिवहन विभाग फिर से एक बार इन्हें कानून के दायरे में लाने की कोशिश शुरू की है, लेकिन राजनीतिक दलों के विरोध की वजह से यह आसान नहीं होगा। भाजपा ने अभी से इसका विरोध शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में इस पर राजनीति और तेज होने की उम्मीद है।
लगातार बढ़ रहे ई-रिक्शा तथा चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने की वजह से पिछले काफी समय से इस पर रोक लगाने की मांग हो रही है। इस संबंध में टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) ने अध्ययन कर दिल्ली के परिवहन विभाग को जो रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार शहर में चल रहे ई-रिक्शा में 650 वाट की मोटर का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि सिर्फ 250 वाट तक की मोटर से चलने वाले ई-रिक्शा को ही मोटर वाहन अधिनियम से बाहर रखा जाना चाहिए।
टेरी की सिफारिश के बाद 7 मार्च को दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक सूचना जारी ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस और पब्लिक सर्विस बैज बनवाने के लिए कहा गया था, लेकिन इसका ठीक ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है। यातायात पुलिस ने भी नियमों का उल्लंघन करने वाले ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन इसका भी कोई खास असर नहीं हुआ है। पिछले दिनों एक हादसे में ई-रिक्शा से कुचलकर एक राहगीर की मौत भी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि ई-रिक्शा का पंजीकरण नहीं होने के कारण इस पर कोई नंबर भी नहीं होता है, जो कि सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला है। दुर्घटना या किसी अन्य मामले में ई-रिक्शा चालक की पहचान मुश्किल हो जाती है। हाईकोर्ट ने भी परिवहन विभाग तथा अन्य नागरिक एजेंसियों को ई-रिक्शा को लेकर नियम बनाने का निर्देश दिया है। वहीं ई-रिक्शा से हो रही परेशानी व इसे दूर करने को लेकर पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक भी हुई है। जिसके बाद ई-रिक्शा को नियम कानून के दायरे में लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद बंधी है। लेकिन यह आसान नहीं होगा क्योंकि दिल्ली में एक लाख से ज्यादा ई-रिक्शा चालक हैं जिसे कोई भी राजनीतिक दल इन्हें नाराज नहीं करना चाहते हें। भाजपा ने तो विरोध करना भी शुरू कर दिया है।
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'दिल्ली में ई-रिक्शा चल सकें, इसके लिए दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। उपराज्यपाल केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को परिवहन विभाग के जनविरोधी कानूनों की समीक्षा के लिए समिति बनाने की सिफारिश करनी चाहिए। ई-रिक्शा से दिल्ली में एक लाख से ज्यादा बेरोजगार परिवारों की जीविका चल रही है। इससे प्रदूषण भी नहीं होता है।'
-डॉ. हर्षवर्धन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष