मीडिया को आयोग की चेतावनी
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को मीडिया को चेतावनी भरे लहजे में 12 मई की लोकसभा वोटिंग समाप्त होने तक चुनाव सर्वेक्षणों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक लगाने की बात कही है।
चुनाव आयोग एक टीवी चैनल पर 14 अप्रैल को प्रसारित उस सर्वेक्षण पर टिप्पणी कर रहा था जिसमें वे 111 लोकसभा सीटें भी शामिल थीं, जिन पर वोट डाले जा चुके थे। चुनाव आयोग ने कहा कि जिन लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं, वहां के लिहाज से ये सर्वेक्षण एक्जिट पोल की श्रेणी में आते हैं।
आयोग ने हालांकि किसी चैनल का नाम नहीं लिया। सर्वेक्षण का प्रसारण एनडीटीवी चैनल पर किया गया था। आयोग ने कहा कि यह धारा 126ए का उल्लंघन है जिसके अंतर्गत एक्जिट पोल के प्रकाशन और प्रसारण को निषेध किया गया है। आयोग ने कहा कि इस मामले में निषेध अवधि पहले चरण की वोटिंग शुरू होने से लेकर अंतिम चरण की वोटिंग बंद होने के आधे घंटे बाद तक की है।
सभी समाचार संस्थानों के प्रमुखों को संबोधित पत्र में आयोग ने कहा कि चुनाव की निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए सभी समाचार संस्थाओं को ऐसी किसी सामग्री के प्रसारण और प्रकाशन से बचना चाहिए। आयोग ने किसी क्षेत्र में वोटिंग शुरू होने के पहले 48 घंटों में किसी ओपिनियन पोल के प्रसारण और प्रकाशन पर भी रोक लगाई है।
नेताओं को पसंद आया ऑनलाइन हलफनामा
ऑनलाइन हलफनामा भरना उम्मीदवारों को काफी रास आ रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 1,800 से भी ज्यादा प्रत्याशी इंटरनेट के जरिये रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। आयोग ने इन लोकसभा चुनावों में पहली बार ऑनलाइन हलफनामा भरने की सहूलियत शुरू की है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य चुनाव निकायों के ई-पोर्टल पर अब तक कुल 1,885 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 214 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्तिायों का ब्योरा जमा कर दिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की संख्या 2,000 का आंकड़ा पार कर जाएगी। प्रयोग सफल रहा है और भविष्य में होने वाले चुनावों में इस शुरुआत को लागू किया जाएगा।