आरटीवी व ग्रामीण सेवा चालकों के आगे पुलिस बेबस
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन के गेट संख्या दो पर आरटीवी और ग्रामीण सेवा चालकों की मनमानी के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। इससे दूसरे वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि मेट्रो स्टेशन के बाहर दिल्ली पुलिस की जिप्सी खड़ी होती है और यातायात पुलिस भी वहां तैनात रहती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण सेवा वाहन चालक अपनी मर्जी के अनुसार वाहन खड़ा कर सवारी बुलाते हैं, वहीं आरटीवी चालक सड़क पर ही वाहन रोक कर सवारी का इंतजार करते हैं। इससे पीछे से आने वाला यातायात प्रभावित होता है और जाम लग जाता है।
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मेट्रो से निकलकर बाहर आओ तो यहां खड़े ग्रामीण सेवा वाहन चालक जबरन वाहनों में बैठाने की कोशिश करते हैं। जहां भी उनकी मर्जी होती है वाहन खड़े कर देते हैं। इससे पैदल चलने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मोहित लालवानी, मेट्रो यात्री
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मैं मैट्रो से उतरकर लक्ष्मीनगर से बस से रोजाना घर जाता हूं। मेट्रो स्टेशन के बाहर आपाधापी की स्थिति होती है। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
विजय पसरीचा, मयूर विहार फेस दो
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मेट्रो स्टेशन के बाहर आरटीवी और ग्रामीण सेवा वाहन चालक मनमानी चलाते हैं और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहते हैं। बस स्टाप पर न रुक कर ग्रामीण सेवा और आरटीवी मेट्रो गेट के सामने रोक दी जाती है।
दीपा अरोड़ा, गणेश नगर
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मेट्रो सुविधाजनक है, लेकिन मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलते ही परेशानी का दौर शुरू हो जाता है। ग्रामीण सेवा वाहन चालकों की मनमानी के आगे सभी परेशान हैं, लेकिन यातायात पुलिस का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
प्रदीप जैन, मंडावली
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कानून तोड़ने वालों को लेकर यातायात पुलिस गंभीर है। ऐसे वाहन चालकों पर समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है।
सूर्यकांत पाटिल, सहायक आयुक्त यातयात, पूर्वी जिला।