गेहूं की फसल की शीघ्र करें कटाई
पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि देर से बोई गई गेहूं की फसल यदि तैयार हो गई हो तो उसकी कटाई अतिशीघ्र कर लें। आगामी शुक्रवार, शनिवार व रविवार को बारिश की संभावना को देखते हुए वैज्ञानिकों ने यह सलाह दी है। मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक हवा की गति भी छह किलोमीटर से लेकर 11 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। ऐसे में किसान कटी हुई फसलों को बांधकर रखें, अन्यथा तेज हवा या आंधी से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। गहाई के बाद भंडारण से पूर्व इस बात का पूरा ध्यान रखें कि दाने पूरी तरह सूख चुके हों।
भंडार घर की अच्छी तरह करें सफाई
वैज्ञानिकों का कहना है कि अनाज भंडारण से पहले भंडार घर की अच्छी तरह सफाई कर लें। भंडार घर की छत, दीवारों व फर्श पर मैलाथियान का छिड़काव भी करें। भंडारण के लिए यदि पुरानी बोरियां प्रयोग में लाई जा रही हों तो उन्हें एक भाग मैलाथियान व 100 भाग पानी के घोल में 10 मिनट तक रखें। बोरी को छायादार स्थान में सुखाएं। रबी की फसल की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि तेज धूप से कीड़ों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएं।
पूसा कोमल के लिए उपयुक्त समय
इस तापमान में संकर लोबिया की पूसा कोमल, पूसा सुकोमल प्रजाति की बुवाई की जा सकती है। चौलाई, भिंडी, लौकी तथा गर्मी के मौसम वाली मूली की सीधी बुवाई के लिए तापमान उपयुक्त है। इसका कारण बीजों के अंकुरण के लिए तापमान का उपयुक्त होना है। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी हो इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि बीज उन्नत किस्म का हो। पालक की कटाई करने के बजाय उसे जड़ सहित उखाड़ कर बाजार में भेजें। भिंडी की फसल में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहना चाहिए। अधिक कीट पाए जाने पर फास्माइट की डेढ़ मिलीलीटर मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। रबी फसल यदि कट चुकी हो तो उसमें ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल अथवा हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें।