राजस्व उगाही में उत्तर रेलवे आगे
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : उत्तर रेलवे जहां ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नई व विशेष ट्रेनें चला रहा है। वहीं माल ढुलाई को भी बढ़ावा दे रहा है। इससे माल ढुलाई में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गई है। इस प्रयास से उत्तर रेलवे ने राजस्व उगाही में देश के अन्य रेल जोन को पीछे छोड़ दिया है।
डीजल के दाम बढ़ने से सड़क मार्ग से माल ढुलाई काफी महंगा हो गया है। जिससे व्यापारी रेलवे से सामान ढुलाई को तरजीह देते हैं। यह सड़क मार्ग की तुलना में सस्ता होने के साथ सुरक्षित भी समझा जाता है। इसलिए उत्तर रेलवे के माल ढुलाई के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है।
वित्त वर्ष 2013-14 के आंकड़े
इस वित्त वर्ष में उत्तर रेलवे में लगभग 53.25 मिलियन टन के रिकार्ड माल भाड़ा लदान हुआ। जो कि इससे पहले वाले वित्त वर्ष से 5 मिलियन टन ज्यादा है। माल ढुलाई में वृद्धि होने से 73 सौ करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जो कि वित्त वर्ष 2012-13 की तुलना में लगभग एक हजार करोड़ रुपये अधिक है। इससे उत्तर रेलवे का कुल राजस्व 14,289 करोड़ रुपये से 16 फीसद बढ़कर लगभग 16 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है।
21 फीसद की वृद्धि हुई
अधिकारियों का कहना है कि परिचालन व वहन क्षमता बेहतर होने से माल भाड़ा ढुलाई से प्राप्त होने वाले राजस्व में काफी वृद्धि हुई है। बेहतर प्रबंधन से खाद्यान्न, पेट्रोलियम पदार्थ, कंटनेर, सीमेंट और अन्य सामग्री के लदान के लिए जरूरी वैगन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। इस वित्त वर्ष में खाद्यान्न की ढुलाई में भी 21 फीसद की वृद्धि देखी गई है।
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बॉक्स
वित्त वर्ष - कुल माल ढुलाई - ढुलाई से राजस्व
2012-13 - 48.01 मिलियन टन - 6300 करोड़
2013-14 - 53.25 मिलियन टन - 7300 करोड़
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कोट
'उत्तर रेलवे द्वारा विपणन रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने से यह लक्ष्य हासिल हुआ है। खाद्यान्न, टिंबर, ट्रैक्टर, दो पहिया वाहन, पेट्रोलियम पदार्थ सहित अन्य सामग्रियों की ढुलाई को और बढ़ावा दे रही है।'
-नीरज शर्मा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे