लोकनर्तकी 'किसुकी' के संघर्ष की दास्तां 'नचनी'
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : नाटक 'नचनी' में रंगमंच कलाकार व साहित्य कला परिषद की उपसचिव सिंधु मिश्रा का एकल अभिनय दर्शकों को काफी पसंद आया। नाटक का मंचन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के सभागार में किया गया था। रंगमंच के प्रतिभाशाली निर्देशक भानू भारती ने इस नाटक का निर्देशन किया। भारती द्वारा निर्देशित 'तुगलक' व 'अंधा युग' नाटकों को भी दर्शकों ने सराहा। 'नचनी' में किसुकी बाई के मुख्य किरदार में सिंधु मिश्रा ने प्रभावी प्रस्तुति दी। नाटक में एक साधारण लोकनर्तकी के राजनर्तकी बनने के सफर को दर्शाया गया है। इस सफर में वह समाज और व्यवस्था से संघर्ष करती है। दर्शकों ने देखा कि किस तरह संरक्षक के अभाव में एक महिला उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर होती है। कठिनाइयों का सामना करतीं किसुकी बचपन में ही घर से बिछुड़ जाती है। अपमान और कष्ट सहती हुई वह समाज में लौटती है, लेकिन उसकी कला की कद्र नहीं होती। नाटक में नृत्य व अभिनय दोनों से दर्शक प्रभावित हुए। नृत्य निर्देशन ओडिसी नृत्यांगना किरण सहगल ने किया।
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