नगर निगम उत्तरी के कमाऊ ऑडिटोरियम पर लटका ताला
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
पैसे की कमी से जूझ रहा नगर निगम उत्तरी अपने अत्याधुनिक ऑडिटोरियम से हर महीने 83 लाख रुपये तक कमा सकता है, लेकिन ऑडिटोरियम पर ताला लटका हुआ है। नगर निगम के अधिकारी छह महीने बर्बाद करके भी अभी तक लाइसेंस लेने के लिए दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर पाए हैं। ऐसे में ऑडिटोरियम शुरू नहीं हो सका है। निगम में सत्तासीन भाजपा इसका उद्घाटन करने के लिए तीन बार कार्यक्रम तय कर चुकी है। मगर लाइसेंस में हो रही देरी के चलते आयोजन रद करना पड़ा है।
यह ऑडिटोरियम निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में फरवरी से बनकर तैयार है। नगर निगम उत्तरी (एनडीएमसी) ने इस वित्त वर्ष में इस ऑडिटोरियम से 10 करोड़ की आय का लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्त वर्ष के तीन महीने बीत चुके हैं, मगर अभी तक इसे शुरू नहीं किया जा सका। एक हजार सीटों वाले इस ऑडिटोरियम का स्टेज इस तरह तैयार किया गया है कि जरूरत पड़ने पर यहां फिल्म दिखाने के लिए प्रोजेक्टर स्क्रीन भी लगाए जा सकते हैं। ऑडिटोरियम दिसंबर 2012 से बनकर तैयार है। इसका संचालन करने के लिए दो महीने पहले नगर निगम ने दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग में आवेदन किया था। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने पत्र भेज कर निगम से कुछ जानकारी मांगी थी। निगम ने ये जानकारी समय पर विस्तार से नहीं उपलब्ध कराई। जिस कारण लाइसेंस मिलने में देरी हुई है। निगम आयुक्त ने स्थायी समिति के अध्यक्ष रामकिशन सिंघल व सदन के नेता महेंद्र नागपाल के साथ इस ऑडिटोरियम का कुछ दिन पहले ही दौरा किया है। जिसके बाद इसे शीघ्र शुरू किए जाने की बात कही गई है। निगम आयुक्त पीके गुप्ता का कहना है कि उनकी ओर से सभी जानकारी समय पर पुलिस को उपलब्ध करा दी गई थी। मगर लाइसेंस की प्रक्रिया में समय लगता है। शीघ्र ही लाइसेंस मिल जाएगा।
केदारनाथ साहनी के नाम पर होगा नामकरण
नगर निगम उत्तरी के सदन के नेता महेंद्र नागपाल कहते हैं कि इस ऑडिटोरियम का नामकरण पूर्व राज्यपाल व दिल्ली के महापौर रहे केदारनाथ साहनी के नाम पर किया जाएगा। वह कहते हैं कि इस बारे में नगर निगम ने मंजूरी दे दी है। इसी माह ऑडिटोरियम का उद्घाटन कर दिया जाएगा।
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