बिना संवाद के पेश किया 'लैला-मजनू' की दास्तां
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
लैला-मजनू की अमर व दर्द भरी प्रेम कहानी भला किसे नहीं पता। फिल्मों सहित, शायरी व नगमों में शामिल इस प्रेम कहानी को जब कलाकारों ने मंच पर बिना संवादों के पेश किया, तो दर्शक बिना प्रभावित नहीं रह सके। श्री राम कला केंद्र में आयोजित इस नाटक को दर्शकों ने खूब पसंद किया। वहीं इसके साथ ही आठ दिवसीय भारतेंदु नाट्य उत्सव की शुरुआत भी हो गई। उत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की अध्यक्ष अमल अलाना ने किया।
नाथराम गौड़ द्वारा लिखित व अनिल चौधरी द्वारा निर्देशित यह नाटक नौटंकी शैली के संवाद विहीन प्रदर्शन पर आधारित है। जिसे कलाकारों ने बेहद प्रभावी तरीके से पेश किया। इसमें प्रेम व दर्द का अद्भुत समावेश किया गया था। मंचन में कलाकारों ने भावों को प्रदर्शित करने के लिए धुनों का सहारा लिया। वहीं बैकग्राउंड से बजने वाले मोहक संगीत व गीतों ने नाटक में जान डाल दी। खूबसूरत परिधानों से सजे कलाकारों ने जब भाव-भंगिमाओं से संवेदना व दर्द को प्रदर्शित किया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। दर्द देख दर्शकों की भी आंखें भर आई। उत्सव के दूसरे दिन सलीम रजा निर्देशित व्यंग्य नाटक एक कुत्तो की कहानी का मंचन किया जाएगा।
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