चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के सामने होगी पाक के इस हथियार से निपटने की चुनौती
चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार भारत और पाकिस्तान का फाइनल खेला जाएगा। पाकिस्तान की टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है।
नई दिल्ली, जेएनएन। 18 जून को चैंपियंस ट्रॉफी में इतिहास रचा जाएगा क्योंकि इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होंगी। 10 सालों के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत और पाकिस्तान की टीम आइसीसी के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में दो-दो हाथ करेंगी। इससे पहले 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इन दोनों टीमों का टकराव हुआ था।
पाकिस्तान की ताकत है गेंदबाज़ी
इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम की सबसे बड़ी ताकत इनकी गेंदबाज़ी रही है। भारत से हार के बाद पाकिस्तान की टीम ने इस टूर्नामेंट में तीन मुकाबले खेले हैं और तीनों ही मैचों में उन्होंने अपने विरोधी को मात देकर पहली बार फाइनल तक का सफर तय किया है। पाकिस्तानी गेंदबाज़़ी के सामने भारत को छोड़कर सभी टीमें बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रही हैं। पाकिस्तान ने द. अफ्रीकी टीम को 236 रन पर रोका था तो वहीं इंग्लिश टीम तो इस गेंदबाज़ी अटैक के सामने 211 रन पर ही ढेर हो गई थी। लेकिन पहले मैच में मिली हार से आहत पाकिस्तान भारत को जवाब देने को उतारु है। अहम मैच से पहले उसे एक अच्छी खबर मिली है। उसके चोटिल गेंदबाज मोहम्मद आमिर फिट होकर भारत के खिलाफ खेलने को तैयार हैं। आमिर के अलावा जुनैद खान उसकी गेंदबाजी में अहम रोल अदा करेंगे।
टीम इंडिया है सुपरहिट
पाकिस्तान के लिए भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम का सामना करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।
मौजूदा विजेता का शीर्ष क्रम इस टूर्नामेंट में हर मैच में रन उगल रहा है। रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी चैम्पियंस ट्रॉफी की विशेषज्ञ जोड़ी का दर्जा पा चुकी है। पिछले संस्करण में भी इस जोड़ी ने भारत को खिताब दिलाने में अहम रोल अदा किया था। इन दोनों के अलावा कप्तान विराट आकर सिर्फ रन करना जानते हैं। युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप दौर के मैच में अर्धशतक जड़ा था तो वहीं निचले क्रम में केदार जाधव, धौनी और हार्दिक पांड्या की तेजी से रन बटोरने तथा मुश्किल परिस्थति में से मैच निकालने की खूबी से टीम को गहराई मिलती है।
भारत की गेंदबाज़ी ना बन जाए कमज़ोर कड़ी
भारतीय टीम की गेंदबाजी भी इस टूर्नामेंट में संतुलित रही है। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह शुरुआती ओवरों में सफलात दिलाने के साथ ही अंत के ओवरों में विपक्षी टीम को रनों के लिए तरसा देते हैं। पांड्या बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में थोड़े महंगे साबित रहे थे। कोहली इस मैच में उनसे विकेटों की उम्मीद करेंगे। विश्व में इस समय के दो दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा मध्य के ओवरों में पाकिस्तानी बल्लेबाजी के लिए नासूर बन सकते हैं।
ये खिलाड़ी भी बढ़ा सकते हैं भारत का सिरदर्द
स्पिन क्षेत्र में पाकिस्तान के पास इमाद वसीम और मोहम्मद हफीज के रूप में दो विकल्प हैं। सेमीफाइनल मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले तेज गेंदबाद रुमान रइस भारत के लिए कुछ सरदर्दी इसलिए खड़ी कर सकते हैं क्योंकि मौजूदा विजेता पहली बार उनकी गेंदों की रफ्तार नापेगी। जीत के लिए उतावली पाकिस्तान के बल्लेबाजी क्रम में युवा बल्लेबाज फखर जमान ने अपने खेल से खासा प्रभावित किया है। फखर नए होने के कारण भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती बन सकते हैं। पाकिस्तान की तरफ से मौजूदा टूर्नामेंट में कोई शतक नहीं लगा है।
टीम इंडिया को रहना होगा बचके
चैंपियंस ट्रॉफी का ये खिताबी मुकाबला भारत की बल्लेबाज़ी और पाकिस्तान की गेंदबाज़ी के बीच होगा। अभी तक इस टूर्नामेंट में ये दोनों ही टीमें अपनी इसी ताकत की वजह से फाइनल तक पहुंची है और अब खिताब की इस लड़ाई में जो भी अपनी इस ताकत का अच्छे से इस्तेमाल करेगा वहीं विजेता बनेगा। आपको बता दें कि भारतीय टीम इंस टूर्नामेंट की गत विजेता है। भारतीय खिला़ड़ियों के पास बडे़ टूर्नामेंट के फाइनल खेलने का अनुभव पाकिस्तानी टीम से ज़्यादा है। लेकिन फिर भी भारतीय टीम पाकिस्तान को हल्के में लेने की गलती नहीं करना चाहेगी।
भारत का पलड़ा है भारी
आइसीसी टूर्नामेंट में भारत पाकिस्तान पर हमेशा से हावी रहा है। 12 मैच भारत ने जीते हैं और दो सिर्फ पाकिस्तान ने। एक मैच परिणाम विहीन रहा है। बेशक आंकड़े भारत के पक्ष में रहे हैं लेकिन कोहली की सेना सरफराज अहमद की युवा पाकिस्तानी टीम को कतई हल्के में नहीं लेगी।
टीमें (संभावित) :
भारत: विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धौनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक, मोहम्मद शमी, अजिंक्य रहाणे, उमेश यादव।
पाकिस्तान: सरफराज अहमद (कप्तान/विकेटकीपर), अहमद शाहजाद, अजहर अली, बाबर आजम, मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक, हसन अली, मोहम्मद आमिर, रूमान रइस, जुनैद खान, इमाद वसीम, फहीम अशरफ, शादाब खान, फखर जमान, हारिश सोहैल।
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