आज से शुरू होगा भारतीय क्रिकेट का नया अध्याय
पहली बार दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से हो रहे दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट के प्रथम मुकाबले होंगे।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। भारतीय क्रिकेट में मंगलवार से नया अध्याय शुरू होगा। पहली बार दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से हो रहे दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट के प्रथम मुकाबले में युवराज सिंह की इंडिया रेड टीम और सुरेश रैना की इंडिया ग्रीन टीम यहां के शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर में रंगीन पोशाक में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी। इस टूर्नामेंट की सफलता ही भारत में डे-नाइट टेस्ट मैच का भविष्य तय करेगी।
भारत में पहली बार कोई प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट गुलाबी गेंद से खेला जा रहा है लेकिन मंगलवार से शुरू होने वाले दलीप ट्रॉफी की कई शीर्ष खिलाडि़यों की अनुपस्थिति से चमक थोड़ी फीकी पड़ गई है। विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी अमेरिका में टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलने में व्यस्त रहेंगे जबकि दूसरी श्रेणी के खिलाड़ी जैसे करुण नायर, श्रेयास अय्यर और संजू सैमसन ऑस्ट्रेलिया में ए सीरीज खेलने में व्यस्त हैं। इस तरह से इस टूर्नामेंट में कुछ पुराने और अनुभवी खिलाडि़यों जैसे युवराज, गौतम गंभीर (ब्लू टीम) और रैना के साथ तीसरी श्रेणी के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
इनसे बीसीसीआइ को इस नए प्रयोग से जुडे़ तमाम पहलुओं की जानकारी भी मिलेगी। वैसे यह भारत में पहला दिन-रात्रि प्रथम श्रेणी मैच 1995 में दिल्ली और मुंबई के बीच ग्वालियर में रणजी ट्रॉफी फाइनल के रूप में खेला गया था लेकिन तब सफेद गेंद का उपयोग किया गया था। टेस्ट क्रिकेट के प्रति दर्शकों की बढ़ती बेरुखी को देखते हुए आइसीसी दिन रात्रि टेस्ट मैचों को बढावा देने की इच्छुक है और ऐसे में बीसीसीआइ भी यह प्रयोग करना चाहता है। हालांकि आगामी घरेलू सत्र के दौरान गुलाबी गेंद से टेस्ट मैचों के आयोजन की संभावना बहुत कम है।
शहीद विजय सिंह पथिक खेल परिसर को गुलाबी गेंद मैच के लिए तैयार करना बीसीसीआई की पिच एवं ग्राउंड समिति के प्रमुख दलजीत सिंह और उनकी टीम के लिए भी एक परीक्षा होगी। कूकाबुरा की गुलाबी गेंद 40 ओवर के बाद खराब होने लगती है और ऐसे में पिच में कुछ घास होने की उम्मीद है ताकि गेंद 80 ओवर तक चल सके ओर अपना रंग नहीं बदले। यह देखना दिलचस्प होगा कि युवराज, रैना, गंभीर सरीखे बल्लेबाज दूधिया रोशनी में स्विंग से कैसे सामंजस्य बैठाते हैं। कूकाबुरा की गेंद का रिकॉर्ड रहा है कि वह शाम को अधिक स्विंग करती है। जोश हेजलवुड और ट्रेंट बोल्ट ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पहले दिन रात्रि टेस्ट मैच के दौरान इस गेंद को अच्छी तरह से स्विंग कराया था। युवा तेज गेंदबाज नाथू सिंह, अनुरीत सिंह और अशोक डिंडा ऐसे में बल्लेबाजों के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।
यह देखना रोचक होगा कि कुलदीप यादव, परवेज रसूल जैसे स्पिनर गुलाबी कूकाबुरा का कैसे उपयोग करते हैं क्योंकि घसियाली पिच पर टर्न हासिल करना आसान नहीं होगा। भारतीय टेस्ट टीम अभी किसी तरह की बदलाव की संभावना नहीं है और ऐसे में किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम में जगह बनाना संभव नहीं होगा लेकिन यहां का अनुभव उन्हें भविष्य में फायदा दिला सकता है।
टीमें :
इंडिया रेड- युवराज सिंह (कप्तान), अभिनव मुकुंद, केएस भारत, सुदीप चटर्जी, गुरकीरत ¨सह, अंकुश बैंस, अरुण कार्तिक, अक्षय वाखड़े, कुलदीप यादव, नत्थू ¨सह, अनुरीत ¨सह, ईश्वर पांडेय, नीतीश राणा, एम अश्विन, अभिमन्यु मिथुन।
इंडिया ग्रीन- सुरेश रैना (कप्तान), रॉबिन उथप्पा, जलज सक्सेना, पार्थिव पटेल, अंबाती रायुडू, देव ¨सह, रोहन प्रेम, हरभजन ¨सह, श्रेयस गोपाल, अशोक डिंडा, संदीप शर्मा, अंकित राजपूत, रजत पॉलीवाल, जसप्रीत बुमराह व मुरली विजय।