बहुत जल्दी हार मान ली दिल्ली डेयरडेविल्स ने
एक समय आता है जब किसी टीम के लिए कोई भी चीज काम नहीं करती। आप कई बदलाव करते हैं, बल्लेबाजी क्रम बदलते हैं, कप्तानों को रोटेट किया जाता है। यहां तक कि अपने गुरु के आशीर्वाद के साथ उनसे शुभकामनाओं के साथ कोई ताबीज भी हासिल करते हैं। इसके बावजूद परिणाम में किसी तरह का परिवर्तन नहीं
रवि शास्त्री
स्ट्रेट ड्राइव
एक समय आता है जब किसी टीम के लिए कोई भी चीज काम नहीं करती। आप कई बदलाव करते हैं, बल्लेबाजी क्रम बदलते हैं, कप्तानों को रोटेट किया जाता है। यहां तक कि अपने गुरु के आशीर्वाद के साथ उनसे शुभकामनाओं के साथ कोई ताबीज भी हासिल करते हैं। इसके बावजूद परिणाम में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होता।
दिल्ली डेयरडेविल्स के बारे में यही बात कही जा सकती है। हर किसी के प्रदर्शन पर मानो ग्रहण लग गया है, यहां तक कि डुमिनी की चमक भी उसी धुंध में कहीं खो गई। फॉर्म खराब होना एक बात है, लेकिन दिशाहीन होना दूसरी। इस टीम ने खुद को एक जंगल में खड़ा कर लिया है, जहां न तो रोशनी है और न ही आगे कोई उम्मीद। खिलाड़ियों का एक ऐसा समूह जिसने बहुत जल्दी हार मान ली।
केविन पीटरसन और मुहम्मद शमी कोई मामूली नाम नहीं हैं। दिनेश कार्तिक और मुरली विजय पूरी तरह से सम्मान के लायक हैं। रॉस टेलर और क्विंटन डी कॉक इस साल अपने प्रदर्शन से लगातार सुर्खियों में रहे हैं। मगर फिर भी इन सभी बातों से कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। ऐसा लग रहा है मानो इनके नाम से कोई दूसरे इंसान मैदान में उतर रहे हैं।
दिल्ली की टीम पर आइपीएल और प्रशंसकों का उधार है। ऐसे में बाकी बचे तीन मैचों में उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वो अच्छा प्रदर्शन करे। औसतन यह टीम एक पारी में विपक्षी टीम के तीन खिलाड़ियों को आउट करती है और खुद पहले खेलते हुए करीब 150 का स्कोर बनाती है। कैच छोड़ना और खराब फील्डिंग करना भी इसकी पहचान बन चुकी है। कहा जाता है कि टी-20 अनिश्चितताओं का खेल है, लेकिन फिलहाल दिल्ली की हार एक निश्चित बात नजर आ रही है। यह बात टीम के लिए तो खराब है ही, लेकिन फ्रेंचाइजी और आइपीएल के लिए उससे भी कहीं अधिक खराब है।