स्ट्रेट ड्राइव : क्रकेट कैलेंडर के सर्वाधिक रोमांचक दो महीने
[रवि शास्त्री] दुनिया भर के क्रिकेट कैलेंडर में आइपीएल क्रिकेट के दो महीने सबसे ज्यादा रोमांचक होते हैं। इस मामले में सिर्फ क्रिकेट विश्व कप ही इसके करीब हो सकता है। याद करें पिछले आइपीएल में दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम और टिकटों के लिए हुई मारामारी।
[रवि शास्त्री] दुनिया भर के क्रिकेट कैलेंडर में आइपीएल क्रिकेट के दो महीने सबसे ज्यादा रोमांचक होते हैं। इस मामले में सिर्फ क्रिकेट विश्व कप ही इसके करीब हो सकता है। याद करें पिछले आइपीएल में दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम और टिकटों के लिए हुई मारामारी।
निश्चित रूप से 26 मई को सभी नौ टीमें ट्रॉफी को अपने हाथों में देखना चाहती हैं। आइपीएल की सशक्त टीमों चेन्नई, केकेआर, मुंबई और यहां तक कि बेंगलूर और दिल्ली ने भी इसके लिए कमर कस ली है। चिंतित करने वाली और रोमांचक बात यह है कि इसके लिए कोई भी फॉर्मूला फूलप्रूफ नहीं है।
कई टीमें अपने पावरप्ले ओवरों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहती हैं। वहीं चेन्नई का जोर शुरुआती ओवरों में विकेट बचाकर अंतिम ओवरों में प्रहार करने पर रहता है। दिल्ली और हैदराबाद की टीमें अपने तेज गेंदबाजों पर अधिक निर्भर हैं। ऐसे में उन्हें चेन्नई और कोलकाता की धीमी पिचों पर मुश्किल होती है। वहीं स्पिनरों के भरोसे किला फतह करने की उम्मीद लगाए बैठी केकेआर को तेज पिचों पर परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्रिस गेल जैसे विदेशी खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए अनमोल हैं। इसके बावजूद बेंगलूर की टीम अभी तक खिताब से दूर ही है।
सभी टीमों में शामिल कोच और अन्य सपोर्ट स्टाफ को अपनी भूमिका साबित करने की जरूरत है। उनका जोर टीम की गलतियों और कमजोरियों को मिनिमम करने पर रहना चाहिए। आपको विदेशी खिलाडि़यों के साथ प्रतिभाशाली और योग्य घरेलू खिलाडि़यों की भी जरूरत होती है। इसमें तेज और स्पिन गेंदबाजों का अच्छा मिश्रण होना चाहिए। आपको विस्फोटक बल्लेबाजों के साथ ऐसे खिलाड़ी भी चाहिए जो एक छोर संभाल सकें। टीम को बेहतरीन फील्डरों की फौज की भी जरूरत होती है। कोई भी कैच छूटना नहीं चाहिए और आधे-अधूरे मौकों को भी लपकने की कोशिश होनी चाहिए।
इस सबसे बढ़कर भारत की गर्मी में फिटनेस की अपनी अहमियत है। आपको कम से कम ऐसे 16 खिलाडि़यों की जरूरत है, जो इस लंबे टूर्नामेंट में एक-दूसरे को रोटेट कर सकें। साथ ही आपको दिमागी रूप से एक शांत कप्तान की जरूरत होगी, जिसके पास हर समस्या का समाधान होगा।
क्या आपको तस्वीर साफ हो गई। मगर इस तरह की परफेक्ट टीम की महज कल्पना ही की जा सकती है। अज्ञात की इसी खोज में आइपीएल अपने पांच संस्करण पूरे कर चुका है और छठा सीजन भी इससे अलग नहीं होगा। अगर मैं अपनी बात करूं तो मैं चेन्नई और मुंबई पर दांव लगाऊंगा। मैंने पिछले साल की फिसड्डी टीम पुणे में भी सुधार महसूस किया है। (टीसीएम)
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