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युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण होगा आईपीएल

[मोहिंदर अमरनाथ] इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) यानी क्रिकेट के साथ फुल इंटरटेनमेंट। इसे इस तरह मानें की आप कोई मसाला फिल्म देख रहे हैं। आइपीएल-6 में भारत के लिए बढि़या बात यह है कि इस साल यह टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में 4-0 से हराने के बाद हो रहा है।

By Edited By: Published: Wed, 03 Apr 2013 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2013 09:56 AM (IST)
युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण होगा आईपीएल

[मोहिंदर अमरनाथ] इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) यानी क्रिकेट के साथ फुल इंटरटेनमेंट। इसे इस तरह मानें की आप कोई मसाला फिल्म देख रहे हैं। आइपीएल-6 में भारत के लिए बढि़या बात यह है कि इस साल यह टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में 4-0 से हराने के बाद हो रहा है। क्रिस गेल सरीखे तूफानी बल्लेबाज को छोड़ दें तो आज भी भारतीय क्रिकेटप्रेमी महेंद्र सिंह धौनी, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली और गौतम गंभीर के खेल का मैदान पर लुत्फ उठाने ही आते हैं। मेरा मानना है कि आइपीएल स्थापित धुरंधरों की बजाय युवाओं के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसा इसलिए की नामी खिलाड़ी तो अपनी तय पोजीशन पर शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करेंगे और इस टी-20 लीग में बाकी युवा बल्लेबाजों को खेलने को कम ओवर ही मिलेंगे।

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रोचक बात यह है कि इस बार उद्घाटन मैच मौजूदा चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच बुधवार को खेला जाएगा। इसमें फिलहाल टीम इंडिया से बाहर केकेआर के कप्तान गंभीर और दिल्ली के सहवाग के पास विलक्षण प्रदर्शन कर अपनी लय वापस कर वापसी के लिए दावा पेश करने का मौका मिलेगा। वीरू और गौती दोनों दिल्ली के ही हैं। दोनों ही दिल्ली और भारत के लिए लंबे समय से साथ-साथ खेले हैं। दोनों के नाम टीम इंडिया के लिए कई बेहतरीन साझेदारियां दर्ज हैं। इन दोनों के फिलहाल भारतीय टीम से बाहर होने का मतलब यह नहीं है कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अंत हो गया है। जिस दौर से ये दोनों धुरंधर गुजर रहे हैं उससे हर क्रिकेटर को अपने करियर में कभी न कभी रूबरू होना ही पड़ता है। ये दोनों अपने अनुभव के बूते धमाकेदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में वापसी का दम रखते हैं।

अनुभवी बल्लेबाज अपने अनुभव के बूते मुश्किल स्थिति में भी रन बनाने में कामयाब होते हैं, जबकि युवाओं को इन्हीं हालात में अनुभव की कमी के कारण रन बनाने के लिए ज्यादा जूझना पड़ता है। ऐसे में युवाओं के लिए आइपीएल ज्यादा चुनौतीपूर्ण बन जाता है। उन पर यह दबाव भी होता है कि यदि वह अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो कोई भी उनकी जगह ले लेगा।

मुझे इस बार कोई भी टीम साफ तौर पर खिताब की दावेदार नहीं दिखाई देती। दनादन क्रिकेट का मिजाज ऐसा है कि आप किसी को साफ तौर पर खिताब जीतने का दावेदार नहीं मान सकते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स ही अकेली ऐसी टीम है जो लगातार दो बार खिताब जीत पाई है जबकि इसे छोड़ हर बार नया चैंपियन मिला है। अगर इस बार शिरकत करने वाली टीमों के संयोजन पर निगाह डाली जाए तो मौजूदा चैंपियन केकेआर और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर अपने पास पर्याप्त विकल्पों के चलते खिताब की प्रबल दावेदार नजर आती हैं। (फॉरच्युना सिंडिकेट)

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