आखिर चेन्नई क्यूं हारी बुरी तरह? जानिए पांच कारण
आईपीएल 6 के अंकतालिका में टॉप पर मौजूद चेन्नई सुपरकिंग्स, मुंबई इंडियंस के खिलाफ जिस तरह से ढेर हुई, वह बेहद शर्मनाक है। 60 रनों के विशाल अंतर से हारने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की पूरी संभावना थी, लेकिन यह सोचना
नई दिल्ली। आईपीएल 6 के अंकतालिका में टॉप पर मौजूद चेन्नई सुपरकिंग्स, मुंबई इंडियंस के खिलाफ जिस तरह से ढेर हुई, वह बेहद शर्मनाक है। 60 रनों के विशाल अंतर से हारने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स को अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की पूरी संभावना थी, लेकिन यह सोचना मुश्किल था कि दिग्गजों से भरी हुई टीम इस तरह से तास के पत्तों की तरह बिखर जाएगी।
आइए, जानते हैं वो पांच कारण जिसने चेन्नई को शर्मनाक ढंग से हारने पर मजबूर कर दिया :
1. तालमेल की कमी : जब बुरा समय आता है तो कुछ भी हक में नहीं होता है। ऐसा ही कुछ क्षेत्ररक्षण के दौरान चेन्नई के खिलाड़ियों के साथ देखने को मिला। मुंबई की पारी के तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद जब क्रिस मॉरिस ने ड्वेन ब्रावो को डाली तो ब्रावो ने मिडऑन पर खेलकर दो रन लेना चाहा। शॉट को रोकने के लिए मुरली विजय दौड़े और माइकल हसी उनका पीछा कर रहे थे। विजय ने फिसलते हुए गेंद रोकी और हसी के हाथों में फेंकने की बजाय उनसे काफी दूर फेंक दिया, जिसके कारण बल्लेबाजों ने आसानी से दो की बजाय तीन रन बनाए। चेन्नई की फील्डिंग में ऐसा कई बार देखने को मिला जब उसके फील्डर्स ने काफी ढुलमुल रवैया दिखाया।
2. चेन्नई के अंतिम तीन महंगे ओवर : चेन्नई के गेंदबाजों ने मुंबई के खिलाफ कसी हुई गेंदबाजी की शुरुआत की और ऐसा लगा कि मुंबई अधिक रन नहीं बना पाएगी, लेकिन चेन्नई ने अंतिम तीन ओवरों में 40 रन खर्च कर दिए, जिसकी बदौलत मुंबई का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 139 रन हो गया। बेन की गेंदबाजी में अंतिम ओवर में 19 रन बने।
3. गैरजिम्मेदराना बल्लेबाजी : मुंबई ने चेन्नई को जीत के लिए 140 रनों का लक्ष्य दिया था, जो कि टी-20 के लिए काफी नहीं था, लेकिन चेन्नई के बल्लेबाजों ने इस लक्ष्य को काफी हल्के में लिया। चेन्नई का कोई भी बल्लेबाज जिम्मेदारी से नहीं खेल सका। तीन तो बिना खाता खोले ही लौट गए।
4. मिशेल जॉनसन और प्रज्ञान ओझा की घातक गेंदबाजी : मुंबई इंडियंस के गेंदबाज मिशेल जॉनसन और प्रज्ञान ओझा ने कसी हुई गेंदबाजी की और चेन्नई के छह बल्लेबाजों का शिकार किया। जॉनसन ने 27 रन देकर तीन विकेट झटके, जबकि प्रज्ञान ने 11 रन देकर ही 3 खिलाड़ियों का शिकार कर लिया।
5. अश्विन को प्रमोट करना : कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का अश्विन को प्रमोट करके दांव खेलना गलत साबित हो गया। जब चेन्नई के 18 रन पर चार विकेट गिर चुके थे तो कप्तान धौनी ने बल्लेबाजी के लिए आर. अश्विन को भेज दिया। यह काफी गैरजिम्मेदराना फैसला था। मुश्किल की घड़ी में क्रीज पर खुद आने की बजाय धौनी ने अश्विन को भेज दिया। अश्विन 8 गेंदों में सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए।
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