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पैट्रिक एगरः एक शानदार क्रिकेट फोटोग्राफर की अनसुनी दास्तां

पैट्रिक एगर, ये है क्रिकेट फोटोग्राफी का सबसे चर्चित नाम। एगर ने 1972 में अपने फोटोग्राफी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2011 में इस करियर को अलविदा कह दिया था। अपने 39 साल लंबे इस करियर में उन्होंने 325 टेस्ट मैचों को कवर किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों के

By ShivamEdited By: Published: Mon, 12 Jan 2015 02:14 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jan 2015 02:38 PM (IST)
पैट्रिक एगरः एक शानदार क्रिकेट फोटोग्राफर की अनसुनी दास्तां

नई दिल्ली। पैट्रिक एगर, ये है क्रिकेट फोटोग्राफी का सबसे चर्चित नाम। एगर ने 1972 में अपने फोटोग्राफी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2011 में इस करियर को अलविदा कह दिया था। अपने 39 साल लंबे इस करियर में उन्होंने 325 टेस्ट मैचों को कवर किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों के कई छुए-अनछुए पहलुओं को कैमरे में कैद किया। विज्डन इंडिया के साथ बात करते हुए एगर ने कई अनसुनी और अपने कीमती अनुभवों को हमारे साथ साझा किया। ये हैं उस इंटरव्यू के प्रमुख अंशः

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प्र. आपने कैसे यह सब शुरू किया?

पैट्रिक एगरः मेरी दादी तस्वीरें लेने में रुचि रखती थी। मुझें लगता है कि मेरे अन्दर यह कला या गुण विरासत में मिली है। बाद में जब मैं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गया तो मैं अपने डिग्री के साथ फोटोग्राफी भी किया करता था। मैं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हुए एक साप्ताहिक समाचारपत्र और एक मासिक पत्रिका के लिए काम किया करता था। मैंने क्रिकेट फोटोग्राफी इसलिए शुरू की क्योंकि मेरे पिता ने कहा था। उनकी ऐसी इच्छा थी कि मैं क्रिकेट फोटोग्राफर बनूं। मेरे पिताजी हैम्पशर के कप्तान थे। एक बार उन्हें किसी फोटो पत्रकार ने एक एल्बम भेंट की थी। मेरे पिता हमेशा उस एल्बम को देखा करते थे।

प्र. उस समय आपको और कौन-कौन सी परेशानियों का सामना करना पड़ा?

पैट्रिक एगरः यदि आप रंगीन फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो फोटो लेने की गति को धीमा रखना होता था। आप केवल सूर्य के प्रकाश में ही बेहतर तस्वीर ले सकते हैं। मान लीजिए दिन में कोई मैच हो रहा हो, पर बादल की वजह से रंगीन तो दूर ब्लैक एंड वाइट तस्वीर लेना भी मुश्किल हो जाता था। आज खराब प्रकाश में भी डिजिटल कैमरे से बहुत अच्छी तस्वीरें ली जा सकती हैं। उन दिनों तस्वीर की गुणवत्ता प्रकाश पर निर्भर रहती थी। फोटो लेने के वक्त बहुत ही सावधानी बरतनी पड़ती थी। हां, मैंने हमेशा बेहतरीन तस्वीर लेने का प्रयास किया और सफल भी रहा।

प्र. आज खिलाड़ियों का व्यवहार या शैली बदल गई है आप इस व्यवहार को किस तरह से देखते हैं?

पैट्रिक एगरः बहुत बड़ा परिवर्तन देख रहा हूं। जब मैंने अपने करियर का शुरुआत की थी तब गेंदबाज किसी बल्लेबाज को आउट करने के लिए शांत अपील करते थे। अपील में न कोई अभिनय था और न ही खिलाड़ी मैदान में उछलते-कूदते थे। आज ऐसा नहीं है। यह एक बहुत बड़ा बदलाव है। उस समय सभी बल्लेबाज कैप पहनते थे न की हेल्मेट्स। सभी कैप बिलकुल अलग थे। तब तस्वीरें लेने में बहुत परेशानी होती थी। कैप में लिया गया तस्वीर को देखकर पता करना मुश्किल होता था कि यह खिलाड़ी डग वाल्टर्स है या इयान चैपल।

प्र. आज डिजिटल कैमरे ने फोटोग्राफी को कैसे बदल दिया है?

पैट्रिक एगरः डिजिटल कैमरे के आने से बड़ा बदलाव आया है। तस्वीरें तकनीक के चलते बेहतर हो रही हैं। आज तस्वीरों को बिना किसी क्षति के पल भर में ही अनगिनत कॉपियां बना सकते हैं। पहले ऐसा नहीं था।

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