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हर फार्मेट में फिट होने वाला ही असली क्रिकेटर : द्रविड़

राहुल द्रविड़ ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत की।

By sanjay savernEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 07:29 PM (IST)
हर फार्मेट में फिट होने वाला ही असली क्रिकेटर : द्रविड़

जागरण संवाददाता,मेरठ। मध्यक्रम के महान बल्लेबाजों में शुमार राहुल द्रविड़ खेल के बदलावों पर बारीक नजर तो रखते ही हैं, युवा खिलाडिय़ों को तराशने के लिए क्रिकेट में नई तकनीकों के प्रयोग के भी हिमायती हैं। गुरुवार को राहुल दिनभर मेरठ में रहे। युवा क्रिकेटरों की फिटनेस एवं ट्रेनिंग की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एसजी कंपनी में पहुंचकर नए इक्विपमेंट की जानकारी ली तो विक्टोरिया पार्क पहुंचकर इनका इस्तेमाल भी देखा। इस दौरान जागरण संवाददाता संतोष शुक्ल ने राहुल द्रविड़ से बातचीत की।

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-विश्व क्रिकेट में अब ढेरों रन बनते हैं। एकदिनी मैचों में दर्जनों शतक जडऩे वाले बल्लेबाजों की संख्या बढ़ गई। टेस्ट मैचों में 50 का औसत बड़ी बात नहीं रही। गेंदबाजी कमजोर हो गई या बल्लेबाजी का स्तर बढ़ गया?

क्रिकेट में बदलावों को लेकर गेंदबाजों पर दबाव तो वाकई बढ़ा है। हालांकि 50 का औसत आज भी आसान नहीं है, किंतु क्रिकेट बल्लेबाजों की तरफ झुका है। रन बनाने के दबाव की वजह से बल्लेबाजी की तकनीक अब उतनी शुद्ध नहीं रह गई।

- आपके समय शेन वार्न, मुथैया मुरलीधरन, सकलैन मुश्ताक, मुश्ताक अहमद एवं अनिल कुंबले जैसे महान स्पिनरों की पूरी खेप थी, किंतु अब आर. अश्विन के अलावा दुनिया में ज्यादा चेहरे नजर नहीं आते। क्यों?

एकदिनी के बाद 20-20 क्रिकेट के जोर पकडऩे से गेंदबाज दबाव में आए। वह गेंदबाजी में घुमाव एवं नए प्रयोग करने से ज्यादा रन रोकने पर जोर देने लगे। इसके लिए कई बार उन्हें फ्लैट गेंदबाजी करनी पड़ी, और स्पिन का हुनर कमजोर पड़ गया।

- टी-20, एकदिनी एवं टेस्ट मैच के बीच एक खिलाड़ी समन्वय बड़ी चुनौती है। खिलाडिय़ों की फिटनेस पर भी खतरा बढ़ा है, ऐसे में युवाओं को क्या करना चाहिए?

नई पीढ़ी के आगे यह एक बड़ा चैलेंज है, और रहेगा भी। नई पीढ़ी तेजी से सीखते हुए इन सभी फार्मेट से सामंजस्य बैठा रही है। अब ज्यादातर बल्लेबाज गेंदबाजी भी कर लेते हैं। किंतु ज्यादा क्रिकेट की वजह से गेंदबाजों की फिटनेस पर असर पड़ रहा है, इन्हें बेहतरीन ट्रेनिंग तकनीक अपनाकर फिट रहना होगा।

- मेरठ के भामाशाह पार्क में सीके नायडू क्रिकेट टूर्नामेंट में दर्शक नदारद रहा, जबकि यहां से क्रिकेट टैलेंट खूब निकल रहे हैं। ये विरोधाभास क्यों?

गत दिनों मैं टीम लेकर आस्ट्रेलिया गया था, जहां ए टीमों को दर्शक नहीं मिले। रणजी मैचों में भी दर्शक नहीं मिलते। किंतु टी-20 एवं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आज भी रिकार्ड दर्शक पहुंच रहे हैं। यह हर खेल पर लागू है। फुटबाल में ब्राजील व अर्जेंटीना के बीच मैच में दर्शक टूट पड़ते हैं तो बर्सिलोना एवं मैनेचेस्टर यूनाइटेड जैसे क्लबों की भिडं़त भी दर्शकों को रोमांचित कर देती है।

- आप इंडिया-19 के कोच हैं। आपकी नजर में टीम के कौन से खिलाड़ी भविष्य में देश के लिए खेल सकते हैं?

नाम लेना ठीक नहीं, किंतु इनमें से चार खिलाड़ी किसी भी स्तर की क्रिकेट खेलने की क्षमता से लबालब हैं। यह टीम बेहतरीन खेल के दम पर वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंची थी।

- आपने किन सबसे मुश्किल गेंदबाजों को खेला? बल्लेबाजी में किसके मुरीद रहे?

एलन डोनाल्ड, ग्लेन मैकग्राथ एवं मुथैया मुरलीधरन को मैं बेहद ऊंचे दर्जे का गेंदबाज आंकता हूं। इन्हें खेलना किसी भी पिच पर आसान नहीं था। बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर एवं रिकी पोटिंग के खेल में जादुई टच था।

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