गेंदबाजों में बढ़ी फिटनेस की समस्या: कपिल
कपिल सोमवार को मेरठ में थे। पेश है उनसे संतोष शुक्ल की बातचीत के मुख्य अंश..
मेरठ। भारतीय क्रिकेट के महानायक कपिल देव को भले ही क्रिकेट से संन्यास लिए अरसा गुजर गया, किंतु उनका उत्साही रुख आज भी युवाओं के लिए मिसाल है। कपिल सोमवार को मेरठ में थे। पेश है उनसे संतोष शुक्ल की बातचीत के मुख्य अंश..
आपको इमरान खान, इयान बाथम एवं रिचर्ड हैडली के साथ सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शुमार किया जाता है। आप किसे शीर्ष पर मानते हैं?
कपिल- मैं सबसे ऊपर इयान बाथम को मानता हूं। वह इन सभी में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। गेंदबाज के रूप में रिचर्ड हेडली सर्वश्रेष्ठ थे। मैं ऑलराउंडर के रूप में इमरान को दूसरे, जबकि हेडली को तीसरे व खुद को चौथे नंबर पर मानता हूं।
आप नई गेंद से लंबा स्पेल करने के लिए जाने जाते थे। टीम से बाहर हुए बिना लगातार टेस्ट मैच खेले। आज के तेज गेंदबाज अक्सर फिटनेस की दिक्कत से जूझते रहते हैं?
कपिल- उस दौर में साल भर में तीन-चार महीने क्रिकेट खेली जाती थी। औसतन पांच से छह मैच होते थे, लेकिन अब सालभर क्रिकेट खेली जा रही है। इसका फर्क तो पड़ता ही है। फिटनेस को लेकर खिलाडि़यों में फोकस भी कम है।
आपकी नजर में एशिया में शुद्ध तेज गेंदबाजी कहां से शुरू होती है। इस पैमाने पर भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान से क्यों पीछे रह गया?
कपिल- भारत में पहले भी बड़े बल्लेबाज थे। ऐसे में यहां बल्लेबाजी के प्रति रुझान बढ़ता गया। जबकि पाकिस्तान में गेंदबाजी पर फोकस रहा। यह सिलसिला सिकंदर बख्त और इमरान से शुरू होकर अब तक चल रहा है।
आपके जमाने की टीम पाकिस्तान के सामने दबाव में क्यों रहती थी। जबकि आज की टीम हावी होकर खेलने लगी है। ऐसा क्यों?
कपिल- हम दबाव में नहीं रहते थे। देश का दर्शक दबाव में रहता था। क्रिकेट में दबाव की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। मैदान पर आने के बाद खिलाड़ी का ध्यान सिर्फ अपने खेल पर होता है।
इतनी बड़ी आबादी के बावजूद हम ओलंपिक में पीछे हैं। भारत में ऐसी खेल संस्कृति नहीं है?
कपिल- ओलंपिक में हम उसी दिन बढ़ जाएंगे, जब हम अपने बच्चों को अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर के साथ खिलाड़ी बनाने के लिए भी प्रेरित करेंगे। आज दुनिया में डॉक्टरी और इंजीनिय¨रग की ओलंपिक हो जाए तो भारत तमाम पदक जीत लेगा।