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हमारा लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है: धवल

भारतीय टीम के लिए आठ वनडे खेलने वाले और 200 से ज्यादा प्रथम श्रेणी विकेट ले चुके गुजरात लायंस के मुख्य तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी अपनी नई नवेली आइपीएल टीम को खिताब जीतते हुए देखना चाहते हैं। कुलकर्णी ने अभिषेक त्रिपाठी से विशेष बातचीत में अपने और गुजरात लायंस की

By ShivamEdited By: Published: Wed, 18 May 2016 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2016 10:26 PM (IST)
हमारा लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है: धवल

कानपुर। भारतीय टीम के लिए आठ वनडे खेलने वाले और 200 से ज्यादा प्रथम श्रेणी विकेट ले चुके गुजरात लायंस के मुख्य तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी अपनी नई नवेली आइपीएल टीम को खिताब जीतते हुए देखना चाहते हैं। कुलकर्णी ने अभिषेक त्रिपाठी से विशेष बातचीत में अपने और गुजरात लायंस की रणनीति के बारे में चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश-

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- गुजरात लायंस की पहले सत्र में शुरुआत बढि़या रही, लेकिन धीमे-धीमे टीम नीचे खिसकती गई। कोई खास कारण?

धवलः ऐसी कोई खास वजह नहीं है। आइपीएल फॉर्मेट ही ऐसा है। अगर पिछले सत्र को देखें तो मुंबई इंडियंस बिल्कुल नीचे थी और उसने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए खिताब जीता। ये बहुत ही जटिल टूर्नामेंट हैं। यहां एक रन से हार-जीत होती है। हमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा।

- कुछ मैचों में कप्तान सुरेश रैना नहीं खेल सके। टीम के लिए कितने खास हैं रैना?

धवलः वह हमारे कप्तान हैं। उनको हम सब पिता बनने की बधाई देते हैं। वह आइपीएल के सबसे अनुभवी खिलाडि़यों में हैं और इसीलिए टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। उनके टीम के साथ रहने से हमें विशेष ऊर्जा मिलती है।

- गुजरात जैसी नई टीम के साथ जुड़ने का अनुभव कैसा रहा?

धवलः मैंने पहले छह साल मुंबई इंडियंस के साथ बिताए। मैं घरेलू क्रिकेट भी मुंबई के लिए ही खेलता था इसलिए लोकल टीम के साथ खेलना और उसके लिए जीतना गर्व की बात होती है। राजस्थान रॉयल्स के साथ जुड़ने के बाद मेरे ऊपर ज्यादा जिम्मेदारी आ गई। टीम प्रबंधन ने मुझे ज्यादा स्वतंत्रता दी। गुजरात में भी कुछ वैसा ही माहौल है। रही बात मेरी तो मैं जिस भी टीम के साथ रहता हूं शतप्रतिशत देकर उसको जीत दिलाने की कोशिश करता हूं।

- आप लोगों के दिमाग में विजेता ट्रॉफी तो घूम ही रही होगी?

धवलः हर टीम खिताब जीतना चाहती है, लेकिन हमारा मुख्य फोकस अगले दोनों मैचों पर हैं। हम इन दोनों को जीतना चाहते हैं। ये हमारे आखिरी दो मैच हैं। हमने पहले कोलकाता और फिर मुंबई के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करके जीत हासिल करने का लक्ष्य बनाया है।

- दूसरा घरेलू मैदान ग्रीनपार्क और आयोजन स्थल कानपुर टीम के लिए कितना खास है?

धवलः यहां के लोगों को क्रिकेट बहुत पसंद है। मैंने पहले भी यहां कई मैच खेले हैं। हम चाहते हैं कि अगले दोनों मैचों में कानपुर वाले हमारी टीम का समर्थन करें और हम भी उनके लिए जी-जान लगा देंगे।

- पिछले सत्र में आपने 11 मैचों में 13 विकेट लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इस सत्र में आप दस मैचों में 11 विकेट ले चुके हैं। क्या पिछले प्रदर्शन से आगे निकलना चाहते हैं?

धवलः नहीं मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं। अभी टीम को दो लीग मैच खेलने हैं और अगर सब कुछ सही रहा तो हमें आगे भी मैच खेलने को मिलेंगे। विकेट लेना मेरे हाथ में नहीं है। मैं सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करता हूं और अपनी गेंदबाजी पर ध्यान देता हूं। भगवान पर मुझे भरोसा है। आइपीएल अच्छा प्लेटफॉर्म है। खासकर युवाओं को इतने दर्शकों के बीच में खेलने को मिलता है। यहां पर अच्छा प्रदर्शन करके टीम इंडिया का भी रास्ता खुलता है।

- जिंबाब्वे दौरे के लिए सीनियर्स को आराम दिया जा सकता है। क्या आप अपनी उम्मीद देख रहे हैं?

धवलः मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना है बाकी सब चयनकर्ताओं के हाथ में है। मैं बाकी मैचों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा और यही मेरे दिमाग में हमेशा रहता है।

- 2009 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए चुने जाने के बावजूद आपको एक भी मैच नहीं खेलने को मिला। 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए आपका चयन हुआ, लेकिन चोटिल हो गए। उस समय मन में डर तो नहीं भर गया था?

धवलः मैंने 2008 में रणजी में 42 विकेट लिए थे। इसके बाद आइपीएल में और अगले साल न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन हुआ। दुर्भाग्यशाली रहा कि वहां एक भी टेस्ट खेलने को नही मिला। इसके चार साल बाद वनडे टीम में चुना गया, लेकिन चोट लग गई इसलिए टीम से बाहर जाना पड़ा। हालांकि इसके बाद श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया। विश्व कप में भी टीम का हिस्सा था। मन में विश्वास है। कोई डर नहीं।

- मेंटर का कितना अहम रोल होता है खिलाड़ी की जिंदगी में?

धवलः बहुत अहम रोल होता है। जब मैं मुंबई इंडियंस में था तो शॉन पोलाक के रहने से मेरी गेंदबाजी में बहुत सुधार हुआ। वह काफी अनुभवी गेंदबाज और आसानी से उपलब्ध होने वाले मेंटर थे। उन्होंने मुझे काफी वैरिएशन सिखाई। मेरी सीम और स्विंग पर काफी मेहनत की। इतने अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के कारण उनके पास ढेरों आइडिया थे। उनसे मैंने काफी कुछ सीखा।

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