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'मैं उनके पैर पकड़ लूंगा और उन्हें ड्रेसिंग रूम से जाने नहीं दूंगा'

हर युवा भारतीय क्रिकेटर का सपना होता है कि एक दिन सचिन जैसा खिलाड़ी बनें, ऐसा ही एक सपना युवराज सिंह ने भी जिया था, जिसे अपनी मेहनत से उन्होंने सच कर दिखाया..ना सिर्फ वो सचिन के साथ खेले बल्कि उनके बेहद अच्छे दोस्त भी बने। अब जब सचिन ने जाने का ऐलान कर दिया है, ऐसे में युवी भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर सके और ऑस्ट्र

By Edited By: Published: Fri, 11 Oct 2013 01:56 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2013 10:46 PM (IST)
'मैं उनके पैर पकड़ लूंगा और उन्हें ड्रेसिंग रूम से जाने नहीं दूंगा'

राजकोट। हर युवा भारतीय क्रिकेटर का सपना होता है कि एक दिन सचिन जैसा खिलाड़ी बने, ऐसा ही एक सपना युवराज सिंह ने भी जीया था, जिसे अपनी मेहनत से उन्होंने सच कर दिखाया। ना वो सिर्फ सचिन के साथ खेले बल्कि उनके बेहद अच्छे दोस्त भी बने। अब जब सचिन ने जाने का ऐलान कर दिया है, ऐसे में युवी भी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर सके और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार पारी के बाद प्रेस वार्ता में वो अपनी पारी के बारे में कम और सचिन के बारे में ज्यादा बोलते नजर आए, उनके चेहरे की उलझन बता रही थी कि उनकी वापसी की खुशी, कहीं ना कहीं सचिन के इस ऐलान के बीच खो सी गई है।

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युवराज ने कंगारू टीम के खिलाफ टी20 मैच में 77 रनों की नाबाद पारी के दम पर वापसी की और इस पारी को सचिन को समर्पित किया और सचिन के संन्यास पर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैं खुश हूं या उदास। अच्छा है कि मैंने गेंद पर शानदार प्रहार किए, लेकिन दुख है कि सचिन ने संन्यास का फैसला ले लिया है। बिल्कुल, मैं इस पारी को सचिन को समर्पित करना चाहता हूं और उम्मीद है कि मैं इस चीज को उनको (सचिन) फोन पर भी बता सकूंगा। मेरे हाथ में बस इतना ही है कि मैं उन्हें अपनी पारी समर्पित कर सकता हूं, और साथ ही अपनी मां को भी समर्पित करता हूं जिन्होंने हर दिन मेरी वापसी के लिए प्रार्थना की है।'

युवराज ने सचिन के बारे में बोलते हुए यह तक कह डाला कि वह भी कोशिश करेंगे कि सचिन उनके (टीम इंडिया) के साथ ही रहें, भावुक युवी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं उनको जाने दूंगा। मैं उनके पैर पकड़ लूंगा और उन्हें ड्रेसिंग रूम से जाने नहीं दूंगा। उनके साथ इतने सालों तक खेलना अद्भुत अनुभव था। क्रिकेट के खेल में वह सर्वश्रेष्ठ थे। मुझे नहीं पता कि मैं अब क्या कहूं। उनके बारे में जितना कहा जाए कम है, वह एक खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक इंसान के तौर पर भी महान हैं, यह पूरे भारत के लिए एक भावुक लम्हा होगा। सचिन मेरे लिए हमेशा खास रहेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे आखिरी बार उनके साथ खेलने का मौका मिले। मुझे नहीं पता कि मेरा सेलेक्शन टेस्ट टीम में होगा या नहीं, लेकिन अगर मैं उस सीरीज में नहीं भी खेलता हूं तब भी मैं मैदान पर जाकर उनके मैच जरूर देखूंगा।'

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युवराज ने कहा, 'यह उनके ऊपर ही निर्भर करता था कि वो कब संन्यास लेना चाहते हैं। उनके स्तर के खिलाड़ी के पास यह अधिकार सुरक्षित होना चाहिए। मैं तो उनको 10 साल और खेलते देखना चाहूंगा। यह उनका फैसला है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। जब वह अपना आखिरी मैच खेलेंगे तो भारत के लिए वह एक भावुक लम्हा होगा।'

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