विराट की कप्तानी में भारत तोड़ सकता है बड़ा रिकॉर्ड, ऑस्ट्रेलिया छूट सकता है पीछे
विराट की टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही चार मैचों की सीरीज में हारती नहीं है तो वह ऑस्ट्रेलिया के हालिया 22 टेस्ट में अजेय रहने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। विराट की कप्तानी में लगातार 19 टेस्ट में अजेय रहने का रिकॉर्ड बनाने वाली भारतीय टीम के सामने अब ऑस्ट्रेलियाई टीम है। यही कारण है कि टीम के साथ ही भारतीय कप्तान को अपने रिकॉर्ड और विजय रथ को आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। विराट की कप्तानी में भारत ने पिछले 19 में से 15 टेस्ट में जीत हासिल की है और चार टेस्ट ड्रॉ रहे हैं।
विराट के नेतृत्व में टीम इंडिया को आखिरी बार, पिछले वर्ष अगस्त में श्रीलंका के खिलाफ गॉल टेस्ट में हार मिली थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम सितंबर, 2005 से जनवरी, 2008 के बीच लगातार 22 टेस्ट में अजेय रही थी। जबकि ऑस्ट्रेलिया का मार्च, 1946 से फरवरी, 1951 के बीच लगातार 25 टेस्ट में अपराजेय रहने का रिकॉर्ड है।
विराट की टीम अगर 23 फरवरी से पुणे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही चार मैचों की सीरीज में हारती नहीं है तो वह ऑस्ट्रेलिया के हालिया 22 टेस्ट में अजेय रहने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी। हालांकि लगातार सबसे ज्यादा टेस्ट में अजेय रहने का विश्व रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के नाम पर है जो जनवरी, 1982 से दिसंबर, 1984 तक 27 मैचों (17 जीत और 10 मैच ड्रॉ) में अजेय रही थी।
भारत ने 2015 में श्रीलंका को 2-1 से, दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से, वेस्टइंडीज को 2-0 से, न्यूजीलैंड को 3-0 से और इंग्लैंड को 4-0 से और बांग्लादेश को 1-0 से हराकर लगातार छह टेस्ट सीरीज जीती हैं। अब सामने ऑस्ट्रेलिया है जो इन सभी टीमों से बेहतर है। उसके पास मिशेल मार्श और ग्लेन मैक्सवेल की जोड़ी है। पिछले दिनों कंधे की चोट से परेशान रहे मार्श अब फिट हैं। यह देखना होगा कि कप्तान स्टीव स्मिथ छठे नंबर पर मैक्सवेल को जगह देते हैं कि नहीं।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का भी टेस्ट :
आइसीसी रैंकिंग में नंबर एक बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को यहां पर एक बल्लेबाज के साथ कप्तान के तौर पर भी टेस्ट देना होगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम का पिछला प्रदर्शन यहां खास नहीं रहा है। हालांकि टीम के पास अनुभवी स्पिनर नाथन लियोन के साथ चार स्पिनर हैं। नाथन ने 2012-13 में भारत दौरे पर 15 विकेट झटके थे। हालांकि भारत में हुई हालिया सीरीज को देखें तो इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश भारतीय स्पिनरों के मुकाबले कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
ऑस्ट्रेलियाई टीम में डेविड वॉर्नर जैसे बल्लेबाज भी हैं, जिन्होंने लगभग 50 के औसत से 60 टेस्ट में पांच हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया का दारोमदार अपने तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क पर होगा। आइपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर से खेलने वाले स्टार्क को भारतीय पिचों पर बल्लेबाजी करने अनुभव है।
भारतीय टीम भी मजबूत :
जब भी ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया है तो एक टीम के तौर पर उसे हमेशा मजबूत माना गया है। लेकिन इस बार भारतीय पिचों से मिलने वाली मदद को एक किनारे भी रख दें तो भी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा मजबूत दिख रही है। टीम के पास रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की ऐसी सदाबहार जोड़ी है जिसके सामने बड़ी से बड़ी टीमें घुटने टेक देती हैं। मौजूदा टेस्ट रैंकिंग में यह दोनों शीर्ष के दो गेंदबाज हैं।
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पिछले साल अश्विन ने कुल 72 विकेट लिए। पिछले 13 टेस्ट में इस जोड़ी ने कुल 260 में से 127 विकेट झटकेहैं। टीम के पास उमेश यादव, इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार की तिकड़ी भी है। यही नहीं भारतीय टीम के पास अद्भुत विराट कोहली के साथ चेतेश्वर पुजारा, मुरली विजय, केएल राहुल और अजिंक्य रहाणो जैसे बल्लेबाज भी हैं। कुल मिलाकर क्रिकेट प्रशंसकों को बराबर का मजा मिलने वाला है।