लोढ़ा समिति के साथ तकरार के रास्ते पर बोर्ड
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) और उसमें सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वार नियुक्त लोढ़ा समिति में तकरार तय हो गई है
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) और उसमें सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वार नियुक्त लोढ़ा समिति में तकरार तय हो गई है। बोर्ड ने सोमवार को कार्यकारी समिति की बैठक में यह तय किया कि बोर्ड अपने मौजूदा संविधान के अनुरूप ही 21 सितंबर को अपनी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन करेगा। यही नहीं बोर्ड ने अपना घरेलू क्रिकेट का कार्यक्रम भी तय कर लिया है और उसे आज की बैठक में मंजूर भी कर दिया गया। ये दोनों मुद्दे टकराव की सबसे बड़ी वजह होंगे।
लोढ़ा समिति चाहती है कि घरेलू क्रिकेट का कार्यक्रम तय करने से पहले बिहार और पूवरेत्तर के राज्यों सहित उन सभी राज्यों को बीसीसीआइ का सदस्य बनाया जाए जो अभी तक नहीं जुड़े हैं। यही नहीं इन सभी राज्यों की रणजी टीमों को भी घरेलू कार्यक्रम में शामिल किया जाए लेकिन बीसीसीआइ ने पहले की ही तरह वर्तमान टीमों के हिसाब से ही अपना घरेलू कार्यक्रम मंजूर कर दिया गया है और जल्द ही कार्यक्रम घोषित भी कर दिया जाएगा। इसमें पहले की ही तय टीमें खेलेंगी। यही नहीं बोर्ड लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने की स्थिति में पहुंचने से पहले समीक्षा याचिका का इंतजार करेगा।
बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने बोर्ड की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद यहां पत्रकारों से कहा कि बीसीसीआइ की एजीएम 21 सितंबर को मुंबई में होगी। हालांकि एजीएम की वैधता लोढ़ा समिति पर निर्भर करेगी क्योंकि वह उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई को दिए गए फैसले के अनुरूप इसे अमान्य करार दे सकती है। ठाकुर से जब 11 सूत्रीय सुधार कार्यान्वयन पर समिति के पास पहली अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम पहले ही समीक्षा याचिका दाखिल कर चुके हैं। हमें तीन सदस्यीय समिति ने जो दस्तावेज दिए थे उन्हें राज्य संघों तक पहुंचा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार 30 सितंबर तक बीसीसीआइ को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के पहले चरण को लागू करना है।
हाल में कोलंबो में एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में भाग लेने वाले ठाकुर ने कहा कि इस महाद्वीपीय संस्था ने बाहरी हस्तक्षेप पर चिंता जताई है। एसीसी के साथ हाल की बैठक में नेपाल, श्रीलंका और बीसीसीआइ जैसे बोर्डों में बाहरी हस्तक्षेप पर चिंता जतायी गई। एसीसी ने इस तरह के हस्तक्षेप के संभावित प्रभावों के बारे में पूछा। कार्यकारी समिति के सदस्यों से बात करने पर पता चला कि कार्यान्वयन के लिए इंतजार करना होगा लेकिन अनुपालन रिपोर्ट दायर की जाएगी। एक राज्य संघ के वरिष्ठ अधिकारी ने बैठक के बाद कहा कि हम समीक्षा याचिका के फैसले का इंतजार करेंगे। इसके बाद कार्यान्वयन की बात होगी।
निश्चित तौर पर अनुपालन रिपोर्ट संबंधित जानकारियों के साथ समिति को सौंप दी जाएगी। जहां तक राज्य संघों में संवैधानिक संशोधनों की बात है तो ऐसा बीसीसीआइ संविधान में संशोधन के बाद ही किया जाएगा। बीसीसीआइ ने हमेशा की तरह कार्यकारिणी में काम किया तथा वार्षिक बजट और लेखा परीक्षक की रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही बीसीसीआइ टेस्ट मैचों में अधिक दर्शकों को खींचने के लिए टिकटों की दर कम करने और स्कूली बच्चों के लिये कई कार्यक्रमों की योजना बना रहा है। रणजी ट्रॉफी को तटस्थ स्थलों पर आयोजित करने पर भी विचार किया गया। यही नहीं अंडर-19 पुरुष टीम और वरिष्ठ महिला टीम के दैनिक भत्ते को भी बढ़ाया गया। घरेलू सीरीज में यह 100 और अंतरराष्ट्रीय दौरे पर 125 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन होगा।