दक्षिण अफ्रीका को इतिहास दोहराने से रोकना चाहेगी विराट ब्रिगेड
मोहाली में 108 रन से जीत तथा बेंगलुरु में बारिश के कारण दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहने के बाद चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाकर चल रही टीम इंडिया 25 नवंबर से नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में भी दक्षिण अफ्रीका
नागपुर। मोहाली में 108 रन से जीत तथा बेंगलुरु में बारिश के कारण दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहने के बाद चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाकर चल रही टीम इंडिया 25 नवंबर से नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में भी दक्षिण अफ्रीका को हराना चाहेगी।
टीम इंडिया ने 2008 से 2012 तक यहां कुल चार टेस्ट खेले हैं, जिसमें दो जीते, एक ड्रॉ व एक टेस्ट में हार झेलना पड़ी है। भारत को इस मैदान में एकमात्र हार दक्षिण अफ्रीका से फरवरी 2010 में मिली थी, जब वह एक पारी और छह रन से हार गया था।
भारत ने इस मैदान में नवंबर 2008 में खेले गए पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 172 रन से हराया था और फिर नवंबर 2010 में न्यूजीलैंड को पारी और 198 रन से शिकस्त दी थी। इस मैदान पर दिसंबर 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था।
मेहमान टीम भारत दौरे पर टी-20 और वनडे सीरीज जीतने के बाद टेस्ट सीरीज में संघर्ष करती दिख रही है। मगर अब 2010 में इस मैदान पर मिली जीत दक्षिण अफ्रीका का मनोबल बढ़ाने के लिए मददगार साबित हो सकता है।
दक्षिण अफ्रीका ने वर्ष 2010 में ग्रीम स्मिथ की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने यहां टेस्ट मैच जीता था। इस मैच में हाशिम अमला ने 253 व जैक्स कैलिस 173 ने उम्दा पारियां खेली थी। दक्षिण अफ्रीका ने 6 विकेट पर 558 रन बनाकर पारी घोषित की थी। जवाब में टीम इंडिया वीरेंद्र सहवाग (109) के शतक के बावजूद पहली पारी में 233 रन पर सिमट गया था। दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर (100) का शतक भी बेअसर रहा और भारत 319 रन पर सिमट गया।
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में तीन विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को तार-तार कर रख दिया था।
मौजूदा टीम के ओपनर मुरली विजय, विकेटकीपर रिद्धिमान साहा, लेग स्पिनर अमित मिश्रा और तेज गेंदबाज इशांत शर्मा 2010 की भारतीय टीम में शामिल थे। 2010 के मुकाबले में यह सभी खिलाड़ी बुरी तरह फ्लॉप रहे थे। विजय ने तब दोनों पारियों में चार और 32 रन बनाए थे जबकि साहा ने शून्य और 36 रन बनाए थे। मिश्रा को उस मैच में 53 ओवर में 140 रन देकर कोई विकेट नहीं मिला था। ईशांत 28 ओवर में 85 रन देकर खाली हाथ रहे थे।
नागपुर के इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ जो पिछला टेस्ट खेला गया था, उसमें मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने 103 रन की शानदार पारी खेली थी। मौजूदा सीरीज में लाजवाब प्रदर्शन कर रहे ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने तब अपना टेस्ट पदार्पण किया था। जडेजा ने पहली पारी में दो और दूसरी पारी में एक विकेट लिया था।
यह देखना दिलचस्प होगा कि नागपुर के इस मैदान पर विराट को कैसी पिच मिलती है। पांच साल पहले तो स्टेन ने कहर बरपाया था, लेकिन सीरीज में स्पिनरों की मददगार पिच के मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए यही माना जा सकता है कि इस मैदान में स्पिन के जरिए दक्षिण अफ्रीका को घेरने की कोशिश की जाएगी। मगर भारतीय टीम को बेहद सतर्क रहना होगा और दक्षिण अफ्रीका को इतिहास दोहराने से रोकना होगा।