इस पूर्व भारतीय खिलाड़ी के टिप्स ने बना दिया ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ओकीफी को 'गेम चेंजर'
पहले टेस्ट के शुरुआती सत्र में कोई विकेट नहीं लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर स्टीफन ओकीफी अचानक पहली पारी में छह विकेट लेने में सफल हो गए।
अभिषेक त्रिपाठी, पुणे। पहली बार भारतीय टीम अपने ही देश के श्रीधरन श्रीराम की वजह से हार गई। भारत के खिलाफ पुणे में पहले टेस्ट के शुरुआती सत्र में कोई विकेट नहीं लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर स्टीफन ओकीफी अचानक पहली पारी में छह विकेट लेने में सफल हो गए। यही नहीं उन्होंने मैच में 70 रन देकर 12 विकेट लिए। उन्होंने वह कर दिखाया जो हाल के वर्षो में भारत के दौरे पर बड़े-बड़े दिग्गज भी नहीं कर पाए। उन्होंने ऐसा कैसे किया इसका रहस्योद्घाटन ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन सलाहकार और भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी श्रीराम ने सोमवार को किया।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 260 रन बनाए थे और भारत दूसरे दिन लंच तक तीन विकेट गंवा चुका था और लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा था। सभी को लग रहा था कि भारत के लिए पहली पारी में 260 रन पार करना कोई बड़ी बात नहीं है। पहले दिन से ही घूमने वाले विकेट पर ऑस्ट्रेलिया को नाथन लियोन और ओकीफी से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन उन्होंने निराश किया। ओकीफीने अपने पहले सात ओवर में 23 रन दे दिए थे और एक भी विकेट नहीं लिया था।
मैच के दूसरे दिन लंच के समय श्रीराम ने देखा कि ओकीफी मैदान में हैं, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम के बाकी साथी अंदर लंच कर रहे हैं। श्रीराम ने बताया कि मैं ऊपर से नीचे उतरा। मुझे पता था कि वह परेशान है। वह वहां घूम रहा था। मुझे नहीं मालूम था कि उससे बात करनी चाहिए या नहीं, लेकिन फिर बातचीत हुई और उसने कहा कि मुझे लगता है कि मुझे आपके साथ सेंटर में गेंदबाजी करनी चाहिए। उन्होंने मुझसे कहा कि वह कुछ नर्वस हैं और वह ऐसी गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहे हैं जैसी ऑस्ट्रेलिया में करते हैं, लेकिन मैंने कहा कि तुम्हें क्या लगता है, इस विकेट पर कैसी गेंदबाजी करनी चाहिए? उन्होंने कहा कि मुझे जरा घूमकर तेज गेंद फेंकनी चाहिए। मैंने उनसे कहा यही करो, क्योंकि तुम्हें मालूम हैं तुम क्या कर सकते हो और क्या करने की जरूरत है। इसके बाद क्या हुआ पूरी दुनिया ने देखा।
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श्रीराम ने सोमवार को कहा कि मुझे पता है कि स्पिनर के तौर पर आप कहां फेल हो सकते हो। मुझे लगता है कि यह सफलता पाने के लिए क्या करना है यह जानना ज्यादा महत्वपूर्ण है। 19 वर्ष की उम्र तक मैं घरेलू क्रिकेट में एक स्पिनर के तौर पर जाना जाता था इसलिए मुझे पता है कि भारत में स्पिन गेंदबाजी करने के लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं। भारत एक बड़ा देश है। यहां सिर्फ एक चीज किसी का हल नहीं हो सकता। यहां आपको देखना होगा कि उस दिन आपको क्या करना है। ओकीफी उस दिन ऐसा करने में इसलिए सफल हुआ क्योंकि वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार था। वह मैच के हर दिन खुले दिमाग से आने को तैयार था। हो सकता है कि जो टेस्ट के पहले दिन सफल हो वह तीसरे दिन न सफल हो। उसे यह पता था और मुझे लगता है कि यह उसकी सबसे बड़ी मजबूती थी।
दुबई की तैयारी काम आई : मुझे लगता है कि दुबई में की गई तैयारियां शानदार रहीं। हमने वहां अलग-अलग तरीके के ट्रैक बनाए। इसमें सूखे, रैंक टर्नर, स्लो और लो पिचें थीं इसलिए मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए अच्छी तैयारी थी कि आपको भारत में कैसे भी विकेट मिले उसके लिए आप तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अगर मैं टीम से काम की बात करूंगा तो वे मुझे सुनेंगे, अगर कुछ बेकार कहूंगा तो वह नहीं सुनेंगे। वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं और यही ऑस्ट्रेलियाई टीम की बढि़या बात है।
आइपीएल व आइसीएल में भी खेले हैं श्रीराम
बहुत साल पहले श्रीराम बॉर्डर -गावस्कर स्कॉलरशिप लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे और अब वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन सलाहकार हैं। तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र और गोवा की तरफ से घरेलू मैच और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए आइपीएल मैच खेलने वाले श्रीराम आइसीएल में भी खेले। भले ही वह इस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन सलाहकार हों, लेकिन उनकी हमेशा बायें हाथ के स्पिनर की जगह मध्यक्रम के बल्लेबाज के तौर पर तवज्जो मिली। प्रथम श्रेणी में 9539 रन बनाने वाले तमिलनाडु के श्रीराम इस श्रेणी में सिर्फ 133 मैचों में सिर्फ 85 विकेट ले पाए। भारत की तरफ से उन्होंने नौ वनडे खेले, जिसमें 81 रन के साथ नौ विकेट चटकाए। 21 फरवरी को 41 साल के हुए श्रीराम इस समय वह सम्मान पा रहे हैं जो उन्हें एक क्रिकेटर के तौर पर भी नहीं मिला।